केंद्र की सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस पूरी कोशिश कर रही है. वह 2014 के बाद से सत्ता का स्वाद नहीं चख पाई है. मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व वाली ये पार्टी अन्य दलों के सहारे केंद्र में सरकार बनाने का सपना देख रही है. हालांकि इसके लिए कांग्रेस को कई सीटों का त्याग देना होगा, क्योंकि देश की कई ऐसी लोकसभा सीटें होंगी जहां कांग्रेस अपना उम्मीदवार नहीं उतार पाएगी.
देश के 10 राज्य तो ऐसे हैं जहां कांग्रेस की सरकार नहीं है. इनमें से दिल्ली, पंजाब, केरल जैसे राज्य हैं. उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर सपा और आरएलडी, बिहार की 40 सीटों पर जेडीयू और आरजेडी, महाराष्ट्र की 48 सीट पर शिवसेना (ठाकरे) व एनसीपी, पश्चिम बंगाल की 42 सीटों पर तृणमूल कांग्रेस, तमिलनाडु की 39 सीटों पर डीएमके, केरल की 20 सीटों पर सीपीआई (एम), जम्मू कश्मीर की 6 सीटों पर पीडीपी व नेशनल कॉन्फ्रेंस, झारखंड की 14 सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा, पंजाब की 13 और दिल्ली की 7 सीटों पर आम आदमी पार्टी की ओर से ज्यादातर सीटों पर दावेदार की जाएगी. इन राज्यों में लोकसभा की 309 सीट हैं.
कांग्रेस अरुणाचल प्रदेश की 2, असम की 14, आंध्र प्रदेश की 25, तेलंगाना 17, चंडीगढ़ की 1, छत्तीसगढ़ की 11, दादर एंड नगर हवेली की 1, दमन एंड दीयू की 1, गोवा की 2, गुजरात की 26, हरियाणा की 10, हिमाचल की 4, कर्नाटक की 28, लक्षद्वीप की 1, मध्य प्रदेश की 29, मणिपुर की 2,मेघालय की 2, मिजोरम की 1, नागालैंड की 1, उड़ीसा की 21, पांडिचेरी की 1, राजस्थान की 25, सिक्किम की 1, त्रिपुरा की 2, उत्तराखंड की 5 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ सकती है. इन राज्यों में लोकसभा की 233 सीटें है.