भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर चीन से रिश्तों पर खुलकर बयान दिया है। जयशंकर ने साफ कर दिया कि भारत और चीन की सीमा पर जैसे हालात होंगे, ये हालात ही दोनों देशों के रिश्तों की स्थिति को तय करेंगे। विदेश मंत्री जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा ‘एलएसी‘ पर तीन साल से अधिक समय से सैन्य गतिरोध के बीच बुधवार को कहा कि सीमा पर स्थिति भारत और चीन के बीच संबंधों की स्थिति तय करेगी।
जयशंकर ने यहां एक परिचर्चा सत्र में कहा, ‘आज सीमा पर स्थिति अब भी असामान्य है।‘ अमेरिका के साथ संबंधों पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वाशिंगटन की हालिया यात्रा को किसी प्रधानमंत्री की ‘सबसे सार्थक‘ यात्रा बताया और कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध ‘असाधारण रूप से अच्छे‘ हो गए हैं। चीन के साथ भारत के संबंधों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सीमा के प्रबंधन से जुड़ी व्यवस्था के उल्लंघन के कारण संबंध ‘मुश्किल दौर‘ से गुजर रहे हैं।
State of border with 'big neighbour' China is "still abnormal," says Jaishankar
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— ANI Digital (@ani_digital) June 28, 2023
लद्दाख में बना हुआ है गतिरोध
उन्होंने कहा कि ‘भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में गतिरोध बना हुआ है। हालांकि, दोनों पक्षों ने व्यापक कूटनीतिक और सैन्य वार्ता के बाद, टकराव वाले कई स्थानों से अपने अपने सैनिकों को पीछे हटाया है। जयशंकर ने कहा, ‘हम मानते हैं कि चीन एक पड़ोसी देश है। आज वह एक बड़ी अर्थव्यवस्था और बड़ी शक्ति बन गया है।‘ विदेश मंत्री ने कहा कि कोई भी रिश्ता दोनों तरफ से निभाया जाता है और एक दूसरे के हितों का सम्मान करना होता है।
दो दशक में अमेरिका से हमारे संबंध हुए मजबूतः जयशंकर
जयशंकर ने कहा, ‘सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सीमा पर स्थिति ही संबंधों की स्थिति तय करेगी और सीमा पर स्थिति आज भी असामान्य है।‘ उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों में अमेरिका के साथ संबंध मजबूत हुए हैं। उन्होंने भारत के लिए वाशिंगटन के असाधारण कदमों का हवाला दिया, जिसमें परमाणु कानूनों, निर्यात नियंत्रण से छूट और अहम टेक्नोलॉजियों का हस्तांतरण शामिल है। उन्होंने कहा, ‘आप देख सकते हैं कि अमेरिका के साथ हमारे संबंध असाधारण रूप से अच्छे हो गए हैं। मुझे लगता है कि किसी प्रधानमंत्री की सबसे सार्थक यात्रा हाल में हुई है।’