उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) का ड्राफ्ट तैयार गया है. ये ऐलान एक्सपर्ट कमेटी ने किया है. UCC ड्राफ्ट कमेटी की सदस्य रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई ने कहा कि समिति ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, राज्य वैधानिक आयोग के साथ-साथ विभिन्न धार्मिक संप्रदायों के नेताओं के साथ भी बातचीत की. मुझे आपको यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि उत्तराखंड के प्रस्तावित समान नागरिक संहिता का मसौदा अब पूरा हो गया है. ड्राफ्ट के साथ विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट उत्तराखंड सरकार को जल्द सौंपी जाएगी.
देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद से विपक्षी दल UCC के विरोध पर उतर आए हैं. सवाल इस बात को लेकर उठाए जा रहे हैं कि जब पीएम ने UCC की खुलेआम वकालत कर दी तो लॉ कमीशन को सुझाव देने से क्या फायदा? इस बीच बीजेपी के शासन वाले उत्तराखंड में UCC लागू करने की तैयारी तेज हो गई है. सरकार ने जो कमेटी बनाई थी उसने लोगों से मिले सुझावों के आधार पर ड्राफ्ट तैयार कर लिया है.
#WATCH | It gives me immense pleasure to inform you that the drafting of the proposed Uniform Civil Code of Uttarakhand is now complete. The report of the expert committee along with the draft will be printed and submitted to the Government of Uttarakhand: Retd Supreme Court… pic.twitter.com/7RGqaZZtYk
— ANI (@ANI) June 30, 2023
जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि सरकार चाहती है कि मुसलमानों से मजहबी आजादी को छीन ले और वही हो रहा है. हम कुछ नहीं कर सकते सिवाय देखने के. वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम लोगों ने किसी धर्म पर प्रतिबंध नहीं लगाया, जो संविधान में लिखा वही करने जा रहे, उन्होंने कहा कि एक देश में एक कानून होना चाहिए.
इसके अलावा SP सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि कोई भी फैसला मुस्लिम नहीं मानेंगे. यह हमारे मजहब का मामला है. सिर्फ उलेमा-मुफ्तियों का फैसला मानेंगे.
उलेमा- मुफ्तियों से सरकार बातचीत करे.