तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान में महिलाओं के ‘ब्यूटी सैलून’ पर पाबंदी लगाई गई है क्योंकि ये ऐसी सेवाएं देते हैं जो इस्लाम में हराम हैं और विवाह के दौरान दूल्हे के परिवार के लिए यह आर्थिक परेशानी का कारण बनते हैं.
तालिबान का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब कुछ दिन पहले ही उसने इस बात की पुष्टि की थी उसने देश में इस तरह के सभी सैलून को अपना करोबार समेटने और दुकान बंद करने के लिए एक महीने का वक्त दिया है. तालिबान के इस फरमान पर अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों ने महिला उद्यमियों पर इसके प्रभाव को लेकर चिंता जताई है.
अफगान महिलाओं एवं लड़कियों की आजादी और उनके अधिकारों पर पाबंदी लगाने वाला यह हालिया फैसला है. इससे पहले तालिबान महिलाओं एवं लड़कियों पर कई तरह की पाबंदियां लगा चुका है.
गुरुवार को जारी एक वीडियो क्लिप में तालिबान शासित धार्मिक मामलों के ‘वर्चु एंड वाइस’ मंत्रालय के प्रवक्ता सादिक अकिफ महजर ने ऐसे कई सैलून को सूचीबद्ध किया और कहा कि भवों को आकार देना, मेकअप का इस्तेमाल करना, किसी महिला के प्राकृतिक बालों को बढ़ाने के लिए दूसरों के बाल का इस्तेमाल करना आदि इस्लाम के खिलाफ है.
प्रवक्ता ने कहा कि ब्यूटी सैलून विवाह के दौरान दूल्हे के परिवार के लिए आर्थिक परेशानी का कारण बनते हैं क्योंकि यहां दुल्हन के मेकअप का खर्चा दूल्हे के परिवार को उठाना होता है.
गौरतलब है कि अगस्त 2021 में अमेरिका और नाटो सौनिकों के अफगानिस्तान से जाने के बाद, तालिबान ने देश की सत्ता पर कब्जा कर लिया था और 1990 के दशक के अपने पिछले शासनकाल की तुलना में अधिक उदारवादी शासन प्रदान करने का वादा किया था.
हालांकि, तालिबान ने अपना यह वादा पूरा न करते हुए महिलाओं पर पाबंदियां लगानी शुरू कर दी. इस्लामिक अमीरात ने लड़कियों और महिलाओं को स्कूलों, विश्वविद्यालयों में जाने और गैर सरकारी संगठनों में काम करने के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्रों जैसे पार्क, सिनेमा और अन्य मनोरंजन क्षेत्रों में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
तालिबान द्वारा अफगान लड़कियों और महिलाओं पर प्रतिबंध लगाने की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीखी आलोचनाएं हो रही हैं.