मणिपुर में इंटरनेट प्रतिबंध हटाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट 17 जुलाई को विचार करेगा। मणिपुर में इंटरनेट पर प्रतिबंध हटाने के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सहमत हो गया। प्रधान न्यायाधीश डीवाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकील कनु अग्रवाल द्वारा राज्य सरकार की याचिका का उल्लेख किए जाने पर मामले पर सोमवार को सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की।
सात जुलाई को मणिपुर हाई कोर्ट ने राज्य में इंटरनेट पर प्रतिबंध हटाने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया था। याचिका में मणिपुर में इंटरनेट सेवाओं की बहाली की मांग की गई थी। मणिपुर में हिंसा के कारण राज्य सरकार ने पांच जुलाई को इंटरनेट सेवाओं के निलंबन को 13वीं बार 10 जुलाई तक बढ़ा दिया था ताकि अफवाहों के प्रसार को रोका जा सके और कानून व्यवस्था न बिगड़े। सुप्रीम कोर्ट ने महिला वकील को गिरफ्तारी पर रोक 17 जुलाई तक बढ़ाई।
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में महिला वकील की गिरफ्तारी पर लगाई गई रोक शुक्रवार को 17 जुलाई तक बढ़ा दी। यह प्राथमिकी मणिपुर हिंसा से संबंधित बयानों को लेकर दर्ज की गई थी। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को जानकारी दी गई कि सालिसिटर जनरल तुषार मेहता मणिपुर हिंसा से संबंधित याचिकाओं पर मणिपुर और केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे। वह फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं।
इसके बाद पीठ ने कहा कि मामले को सुनवाई के लिए 17 जुलाई को सूचीबद्ध किया जाए। तब तक गिरफ्तारी पर भी रोक रहेगी। शीर्ष अदालत ने 11 जुलाई को वकील दीक्षा द्विवेदी को गिरफ्तारी से संरक्षण दिया था। ललित मोदी परिवार विवाद मामले की सुनवाई नवंबर तक टली नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आइपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी और उनकी मां और दिवंगत उद्योगपति केके. मोदी की पत्नी बीना मोदी से जुड़े पारिवारिक संपत्ति विवाद मामले में सुनवाई को स्थगित कर दिया। जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने मामले को अंतिम सुनवाई के लिए नवंबर 2023 में सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
राज्यपाल ने इंफाल पूर्वी के राहत शिविर में विस्थापितों से मुलाकात की
मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने गुरुवार को इंफाल पूर्वी जिले में राहत शिविर का दौरा किया और वहां रहने वाले विस्थापितों से बातचीत की। शिविर में कुल 296 विस्थापित रह रहे हैं। राज्यपाल ने लोगों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। जिला प्रशासन को सुविधाओं में आवश्यक सुधार करने और मुख्य सचिव को राहत शिविर में सभी आवश्यकताएं पूरी करने का निर्देश दिया। राज्यपाल ने कहा कि केंद्र की सहायता से राज्य सरकार सामान्य स्थिति बनाने में जुटी है। हिंसा के सभी रूपों की निंदा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इससे कोई समाधान नहीं निकल सकता। केवल सार्थक बातचीत से सार्थक समाधान निकल सकता है, इसलिए सभी भागीदारों को बातचीत के लिए आगे आना चाहिए।