बेंगलुरु में आज 26 विपक्षी पार्टियों की बैठक हुई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हटाने पर चर्चा हुई और मोर्चे का नाम UPA की जगह INDIA तय किया गया यानि इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस। अब 2024 की लड़ाई के लिए दिल्ली में वॉर रूम बनाया जाएगा। मोदी के खिलाफ सारी लड़ाई वहीं से लड़ी जाएगी। विपक्षी एकता की अगली बैठक महाराष्ट्र में होगी। एक समिति बनाई जाएगी जिसके नामों का चयन जल्दी होगा। मल्लिकार्जुन खरगे, ममता बनर्जी, केजरीवाल, राहुल गांधी, उद्धव ठाकरे सभी ने 2024 को लड़ाई को इंडिया बनाम मोदी बताने की कोशिश की है। विपक्ष अब इसे नैरेटिव को लेकर आगे बढ़ेगा।
विपक्षी गठबंधन ने अपने नए नाम INDIA में देशभक्ति का तड़का लगाया है। इंडिया नाम रखने से विपक्ष को चुनाव में कुछ फायदा होगा या नहीं इसके लिए तो अगले साल मई तक का इंतजार करना होगा लेकिन चुनाव प्रचार में जरूर उसे फायदा हो सकता है। विपक्ष के नेता अब अपने रैलियों में कहेंगे कि अगर भारत की जिताना है तो इंडिया का जिताओ, इंडिया को हारने नहीं देना है यानी 2024 की चुनावी जंग अब NDA और INDIA के बीच होगी।
U.P.A is now I.N.D.I.A
Read @ANI Story | https://t.co/yf5s7Tko9e#UPA #INDIA #OppositionMeeting #MallikarjunKharge pic.twitter.com/weJprTJZg4
— ANI Digital (@ani_digital) July 18, 2023
I.N.D.I.A. से संबंधित 26 राजनीतिक दलों का सामूहिक संकल्प
”हम, भारत के 26 प्रगतिशील दलों के हस्ताक्षरित नेता, संविधान में निहित भारत के विचार की रक्षा के लिए अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हैं। हमारे गणतंत्र के चरित्र पर भाजपा द्वारा व्यवस्थित तरीके से गंभीर हमला किया जा रहा है। हम अपने देश के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। भारतीय संविधान के मूलभूत स्तंभों-धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र, आर्थिक संप्रभुता, सामाजिक न्याय और संघवाद-को व्यवस्थित रूप से और खतरनाक रूप से कमजोर किया जा रहा है। हम मणिपुर को तबाह करने वाली मानवीय त्रासदी पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं। प्रधानमंत्री की खामोशी चौंकाने वाली और अभूतपूर्व है। मणिपुर को शांति और सुलह के रास्ते पर वापस लाने की तत्काल आवश्यकता है।
हम संविधान और लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राज्य सरकारों के संवैधानिक अधिकारों पर जारी हमले का मुकाबला करने और उनका सामना करने के लिए दृढ़ हैं। हमारी राजनीति के संघीय ढांचे को जानबूझकर कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। गैर-भाजपा शासित राज्यों में राज्यपालों और उपराज्यपालों की भूमिका सभी संवैधानिक मानदंडों से अधिक रही है। भाजपा सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ एजेंसियों का खुल्लम-खुल्ला दुरुपयोग हमारे लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है। गैर-भाजपा शासित राज्यों की वैध जरूरतों, आवश्यकताओं और अधिकारों को केंद्र द्वारा सक्रिय रूप से अस्वीकार किया जा रहा है।
#WATCH | "NDA, can you challenge I.N.D.I.A?," asks TMC leader and West Bengal CM Mamata Banerjee in Bengaluru.
The Opposition alliance for 2024 polls is called Indian National Developmental Inclusive Alliance – I.N.D.I.A. pic.twitter.com/0buyBVste5
— ANI (@ANI) July 18, 2023
हम आवश्यक वस्तुओं की लगातार बढ़ती कीमतों और रिकॉर्ड बेरोजगारी के गंभीर आर्थिक संकट का सामना करने के अपने संकल्प को मजबूत करते हैं। विमुद्रीकरण अपने साथ एमएसएमई और असंगठित क्षेत्रों में अनकही दुर्दशा लेकर आया, जिसके परिणामस्वरूप हमारे युवाओं में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी आई। हम पसंदीदा मित्रों को देश की संपत्ति की लापरवाही से बिक्री का विरोध करते हैं। हमें एक मजबूत और रणनीतिक सार्वजनिक क्षेत्र के साथ-साथ एक प्रतिस्पर्धी और फलते-फूलते निजी क्षेत्र के साथ एक निष्पक्ष अर्थव्यवस्था का निर्माण करना चाहिए, जिसमें उद्यम की भावना को बढ़ावा दिया जाए और विस्तार करने का हर अवसर दिया जाए। किसान और खेत मजदूर के कल्याण को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
हम अल्पसंख्यकों के खिलाफ पैदा की जा रही नफरत और हिंसा को हराने के लिए एक साथ आए हैं; महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और कश्मीरी पंडितों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए; सभी सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों के लिए एक निष्पक्ष सुनवाई की मांग करते हैं; और, पहले कदम के रूप में, जाति जनगणना को लागू करें।
Opposition alliance named INDIA – Indian National Democratic Inclusive Alliance, confirms RJD & Shiv Sena(UBT) pic.twitter.com/SxrEquNpaA
— ANI (@ANI) July 18, 2023
हम अपने साथी भारतीयों को निशाना बनाने, प्रताड़ित करने और दबाने के लिए भाजपा की प्रणालीगत साजिश से लड़ने का संकल्प लेते हैं। नफरत के उनके जहरीले अभियान ने सत्तारूढ़ दल और उसकी विभाजनकारी विचारधारा का विरोध करने वाले सभी लोगों के खिलाफ द्वेषपूर्ण हिंसा को जन्म दिया है। ये हमले न केवल संवैधानिक अधिकारों और स्वतंत्रताओं का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि उन बुनियादी मूल्यों को भी नष्ट कर रहे हैं जिन पर भारत गणराज्य की स्थापना हुई है-स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व और न्याय-राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक। भारतीय इतिहास का पुनर्निमाण और पुनर्लेखन करके सार्वजनिक विमर्श को दूषित करने के भाजपा के बार-बार प्रयास सामाजिक सद्भाव का अपमान हैं।
हम राष्ट्र के सामने एक वैकल्पिक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडा पेश करने का संकल्प लेते हैं। हम शासन के सार और शैली दोनों को बदलने का वादा करते हैं जो अधिक परामर्शात्मक, लोकतांत्रिक और सहभागी होगा।