संसद के मानसून सत्र की गुरुवार को शुरुआत हो रही है। ऐसे में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को सर्वदलीय बैठक हुई। इस दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि वह 20 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र में नियमों के तहत अनुमति प्राप्त और सभापति द्वारा अनुमोदित हर मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार है।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सत्र के लिए 32 विधायी मुद्दे हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने सभी दलों को यह जानकारी दी कि हम मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं।
वहीं, सूत्रों ने बताया कि इससे पहले प्रह्लाद जोशी ने इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा बुलाई गई व्यापार सलाहकार समिति की बैठक में कहा था कि सरकार मणिपुर में हिंसा पर चर्चा करने के लिए तैयार है।
स्थगन प्रस्ताव लाने की तैयारी में कांग्रेस
बता दें कि मानसून सत्र में विपक्षियों द्वारा उठाए गए हिंसाग्रस्त मणिपुर के मुद्दे को लेकर जोरदार हंगामे की संभावना जताई जा रही है। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, – “ढाई महीने से मणिपुर जल रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री ने चुप्पी साधी है। कल से सदन भी शुरू होने वाली है, प्रधानमंत्री से गुजारिश है कि अब सदन में आकर बयान दें और हमें भी चर्चा का मौके दें। हम कल स्थगन प्रस्ताव लाना चाहते हैं, क्योंकि मणिपुर के हालात दिन पर दिन बदतर होते जा रहे हैं।”
‘विपक्ष के मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत’
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि बालेश्वर हादसे, महंगाई, बेरोजगारी, इंडो-चीन स्थिति और इंडो-चीन ट्रेड में जो असंतुलन हो रहा है, उसपर चर्चा हो। जिस तरह से संघीय ढांचे पर प्रहार हो रहा है उस पर चर्चा होना जरूरी है…सत्तारूढ़ पार्टी अगर सदन चलाना चाहती है तो विपक्ष के मुद्दों पर ध्यान देना जरूरी है।