(प्रतीकात्मक चित्र)
कर्नाटक के उडुपी में कॉलेज के बाथरूम में कैमरा लगा कर हिन्दू लड़कियों का वीडियो बना जाने की खबरें सामने आई थीं। मीडिया में बताया गया कि मुस्लिम लड़कियों ने ये वीडियो बना कर अपने समुदाय के लड़कों को भेजा। अब कॉलेज की छात्राओं ने इस बारे में कई अन्य खुलासे किए हैं। ‘TV9 कन्नड़’ के साथ एक इंटरव्यू में उसी कॉलेज की छात्राओं ने बताया है कि मुस्लिम लड़कियाँ पिछले 1 साल से हिन्दू छात्राओं के वीडियो बना रही थीं और मुस्लिम लड़कों के साथ साझा कर रही थीं।
‘नेत्र ज्योति कॉलेज’ की छात्राओं ने बताया, “पिछले एक साल से ये सब हो रहा था। कॉलेज के बाहर मुस्लिम लड़के कार में इंतजार करते रहते थे। हिन्दू लड़कियों का वीडियो रिकॉर्ड करने के बाद मुस्लिम लड़कियाँ उन्हें जाकर अपना फोन दे देती थीं। दोपहर में लंच के समय मोबाइल फोन्स की अदला-बदली होती थी। कॉलेज मैनेजमेंट के सामने इसकी शिकायत की गई थी, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। 18 जुलाई, 2023 को पीड़िता ने कॉलेज प्रबंधन से फिर शिकायत की।”
लड़कियों ने बताया कि मैनेजमेंट ने इन शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया। 2 दिन बाद 20 जुलाई को कॉलेज की अन्य छात्राओं को इस बारे में पता चला और वो धरना प्रदर्शन पर बैठ गईं। छात्राओं ने बताया कि तीनों आरोपित मुस्लिम लड़कियों ने मोबाइल फोन में वीडियो डाल कर ऊच्चीला से आए मुस्लिम लड़कों को दिया था। ये लड़के पल्सर बाइक और कार से आते थे। छात्राओं ने ये भी बताया कि तीनों मुस्लिम लड़कियों के नाम हैं – शाफिया, अल्फिया और शबनाज़।
छात्रों ने बताया कि अब्दुल खादर कॉलेज मैनेजमेंट में एडमिनिस्ट्रेटर है। लड़कियों ने बताया कि उन्होंने आकर उनसे कहा कि उन तीनों लड़कियों को ‘सुंदर सज़ा’ दे दी गई है। उन्हें 5 बार ये लिखने के लिए कहा गया है कि वो आगे से ऐसा नहीं करेंगी। मीडिया से बात करते हुए कॉलेज की छात्राओं ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि ये सब प्रैंक के लिए किया गया था और उन्हें इस मामले को नहीं उठाना चाहिए। मोहम्मद ज़ुबैर जैसों ने भी इस नैरेटिव को आगे बढ़ाया।
छात्राओं ने कहा, “हम पूछना चाहती हैं कि अगर कोई व्यक्ति किसी के घर के बाथरूम में वीडियो लगा कर घर की महिलाओं का वीडियो रिकॉर्ड करने लगे, तो क्या उस घर का व्यक्ति कहेगा कि ऐसी हरकत करने वालों को होमवर्क देकर छोड़ दिया जाए? ये 6 महीने पहले भी हुआ था, लेकिन कॉलेज मैनेजमेंट ने बिना किसी जाँच-पड़ताल के मामले को बंद कर दिया।” छात्राओं ने बताया कि कॉलेज एडमिनिस्ट्रेटर अब्दुल खादर ने पीड़िताओं को कहा था कि इस मामले को गंभीरता से न हो, ये प्रैंक है।