उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल ने संसद में सरकार से ये मांग की है कि देश का एक ही नाम “भारत” किया जाए, उन्होंने ये भी कहा कि इंडिया अंग्रेजों का दिया हुआ नाम है और गुलामी का प्रतीक है। अपने संबोधन में बंसल ने राज्यसभा के सदन में कहा कि ”पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश के नाम संबोधन में कहा था कि गुलामी के प्रतीक चिह्नों से देश को मुक्ति दिलाना जरूरी है। पीएम मोदी ने अपने भाषण में आजादी के अमृतकाल के लिए बनाए अपने पांच प्रणों में से एक औपनिवेशिक माइंडसेट से देश को मुक्त कराने का भी जिक्र किया था”
बंसल ने आगे कहा कि विगत नौ सालों में पीएम मोदी ने अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंने कई मौके पर औपनिवेशिक विरासत और प्रतीक चिह्नों को हटाने की जगह परंपरागत भारतीय मूल्यों को अपनाने की वकालत की है। अंग्रेजों ने देश का नाम बदलकर इंडिया कर दिया। भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों के कारण 1947 में देश आजाद हुआ और 1950 में संविधान मिला। इसमें ‘INDIA That Is Bharat’ लिख दिया गया, लेकिन हमारे देश का नाम हजारों साल से भारत रहा। भारत ही लिखा जाए। भारत देश का वास्तविक नाम है। देश का अंग्रेजी नाम इंडिया शब्द गुलामी की निशानी है।
बंसल के इस विचार ने राष्ट्रीय राजनीति में एक पुरानी बहस को फिर से जीवित कर दिया है। उल्लेखनीय है, कि कई बार इस विषय को विभिन्न मंचों पर उठाया जाता रहा है, कि देश का एक ही नाम हो “भारत”!