अनुच्छेद-370 पर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को भी अनुच्छेद-370 पर सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल कब किया जाएगा। इसे लेकर समय सीमा बताएं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार अपना रुख स्पष्ट करे।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने रखा अपना पक्ष
वहीं, केंद्र सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला स्थायी नहीं है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जब हालात सामान्य होंगे तो जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य बनाया जाएगा।
Supreme Court while asking the Centre to make its stand clear on the time frame and roadmap to restore the Statehood status of Jammu and Kashmir observes that "restoration of democracy is important" https://t.co/cHzbCN0tdL
— ANI (@ANI) August 29, 2023
पांच जजों की संविधान पीठ कर रही सुनवाई
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ अनुच्छेद 370 को रद्द करने के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इसके अलावा याचिकाकर्ताओं ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने को लेकर भी चुनौती दी है, जिस पर भी सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ सुनवाई कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने बताया राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने आर्टिकल-370 पर दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि पूर्व में जो राज्य था, उसे केंद्र शासित प्रदेश नहीं बना सकते। सुप्रीम कोर्ट ने इसे एक राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताया है। साथ ही सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश का संरक्षण ही सर्वोपरि चिंता है।
31 अगस्त तक सरकार का रखेंगे पक्ष
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जम्मू-कश्मीर का केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा स्थायी नहीं है, लेकिन लद्दाख का केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा कुछ समय बरकरार रहेगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह पीठ को 31 अगस्त तक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश स्थिति के भविष्य को लेकर जानकारी देंगे।