प्रभु श्रीराम की नगरी में जैसे-जैसे भव्य मंदिर निर्माण कार्य हो रहा है, वैसे-वैसे देश-विदेश से रामभक्तों की भारी भीड़ लगातार अयोध्या आ रही है। ऐसे में मंदिर निर्माण पूरा होते ही यहां प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु देश-विदेश से अपने आराध्य श्री राम का दर्शन करने के लिए आएंगे। अयोध्या आने के लिए उनको सुगम मार्ग उपलब्ध हो इसके लिए जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ व राम पथ का निर्माण प्रगति पर है। निर्माणाधीन पथों पर यात्रियों को यात्रा की सुविधा प्रदान करने के लिए योगी सरकार शीघ्र ही ई-बस सेवा प्रारंभ करने जा रही है। मतलब यह कि इन पथों के निर्माण के पहले अयोध्या धाम में ई-बस सेवा की शुरुआत हो जाएगी। शासन ने अयोध्या सहित प्रदेश के विभिन्न तीर्थों के लिए योजना बनाई है। इस व्यवस्था का संचालन करने के लिए शासन स्तर पर ही इलेक्ट्रिक बसों के क्रय की प्रक्रिया की जानी है।
शासन स्तर पर पूरे प्रदेश के लिए एक साथ ई-बसें क्रय की जाएंगी। अयोध्या नगर निगम की ओर से संचालित की जाने वाली इस योजना को लेकर एडीए के वीसी व नगर आयुक्त विशाल सिंह ने बताया कि शासन स्तर से 25 इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा स्वीकृत किया गया है। यह बसें सितम्बर माह में अयोध्या नगर निगम को मिलने की उम्मीद है। इन बसों के वर्कशाप एवं चार्जिंग स्टेशन के निर्माण का जिम्मा उत्तर प्रदेश जल निगम की सीएंडडीएस यूनिट को दिया गया है। वर्कशाप / डिपो के निर्माण के अलावा चार्जिंग स्टेशन के निर्माण के लिए चयनित एजेंसी को साढ़े 12 करोड़ की राशि आवंटित कर दी गयी है।
अयोध्या में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए चैत्र रामनवमी मेला के दौरान ट्रायल किया गया था। इसके लिए लखनऊ डिपो से बसें यहां भेजी गयी थी। इसके साथ व्यवस्था की देखरेख के लिए लखनऊ से ही एआरएम समेत आधा दर्जन कर्मचारियों को भी अस्थाई रूप से तैनात किया गया था। इन बसों की चार्जिंग के लिए हाईवे पर स्थित अंतरराज्यीय बस अड्डे के परिसर में ही चार्जिंग स्टेशन बनाया गया था। यद्यपि राम पथ के निर्माणाधीन होने के कारण इनका संचालन शहर के बाहर ही किया गया। शासन की ओर से संचालित इलेक्ट्रिक बसों को फिलहाल नि:शुल्क ही नौ दिनों तक चलाया गया था।