असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को कहा कि इस बार चुनाव लड़ने से पहले ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नर्वस हैं। इसीलिए हर थोड़े दिन में नई-नई घोषणा कर रहे हैं। अगर जनता का हित करना ही था तो पहले ही योजनाएं लॉन्च करते। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस की परिपाटी है कि चुनाव से पहले मोबाइल, लैपटॉप और मसाले के पैकेट बांटते हैं। मैं खुद कांग्रेस में इस परिपाटी को नजदीक से देख चुका हूं। राजस्थान में कांग्रेस की इस बार दाल नहीं गलेगी।
डॉ. सरमा जोधपुर में भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंचे। सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने सनातन धर्म को आईएनडीआईए के कोसने के सवाल पर कहा कि यदि आप एकेडमिक डिबेट में भी इस्लाम के खिलाफ कुछ बोल जाते हैं तो सर तन से जुदा हो जाता है, लेकिन दूसरी तरफ विपक्षी दलों के गठबंधन आईएनडीआईए के लोग लगातार सनातन धर्म को गालियां दे रहे हैं। मैं भी नहीं चाहता कि कोई इस्लाम के खिलाफ बोले, लेकिन विपक्षी गठबंधन के लोगों द्वारा बार-बार हिंदू धर्म के खिलाफ बयान देने पर भी कांग्रेस चुप है। राहुल गांधी कोई ऑफिशियल बयान नहीं दे रहे हैं कि जिसमें वह सनातन धर्म के खिलाफ इस बयान से अपना किनारा करें। इसका मतलब साफ है कि गांधी परिवार भी इन सबके पीछे है। उन्होंने 25 सितंबर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जन आशीर्वाद यात्रा के सवाल पर कहा कि कितनी भी यात्राएं निकाल लें, जनता अब उनको यह आशीर्वाद देगी कि घर बैठिए, आपको पांच साल अपने परिवार के साथ बिताना होगा।
डॉ. सरमा ने डीजल और पेट्रोल के भाव की तुलना करते हुए कहा कि असम में राजस्थान की तुलना में पेट्रोल 10 रुपये सस्ता है। इसलिए अब राजस्थान के मुख्यमंत्री यहां महंगाई राहत कैंप लगाकर क्यों दिखावा कर रहे हैं। असम में बिजली भी राजस्थान से कम है और महंगाई दर भी सिर्फ चार प्रतिशत है, जबकि राजस्थान में 8.6 प्रतिशत है। यह राष्ट्रीय औसत 6.8 प्रतिशत से भी ज्यादा है। पेट्रोल-डीजल के जो पैसे राजस्थान सरकार ज्यादा ले रही है उसको लेकर गहलोत को माफी मांगनी चाहिए और राहत देने का यह ड्रामा बंद करना चाहिए। राजस्थान में बढ़ रहे महिला अत्याचार पर भी उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लिया। मणिपुर हिंसा के सवाल पर मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट को पूरी तरह से कमजोर करने में कांग्रेस की नीतियां ही जिम्मेदार हैं। जब कांग्रेस सरकार थी तो नॉर्थ ईस्ट के सभी आठ राज्यों में परेशानी थी। अब एक राज्य को छोड़कर बाकी सभी सात राज्य शांत हैं। प्रधानमंत्री मोदी बोलते हैं कि पूरा देश एक है, लेकिन कांग्रेस जो ट्वीट करती है उसमें नॉर्थ ईस्ट को काटकर बताया जाता है।