नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को कहा कि कल अयोध्या हवाई अड्डे के उद्घाटन के साथ देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन होगा, जिसे दूसरे चरण में समग्र क्षेत्र में वृद्धि और रनवे की लंबाई बढ़ाकर बड़े पैमाने पर विस्तारित किया जाएगा।
अयोध्या हवाईअड्डे को 6,500 वर्ग मीटर के क्षेत्र में बनाया गया है, जिसका उद्घाटन शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। सिंधिया ने कहा कि आने वाले दिनों में अयोध्या हवाई अड्डे से कनेक्टिविटी बढ़ेगी। उन्होंने कहा, “देशभर में नागरिक उड्डयन की क्षमता में जबरदस्त संभावनाएं हैं, विशेष रूप से अयोध्या के लिए, जो धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से हमारे दिलों में जुड़ा हुआ है।”
दूसरे चरण में हवाई अड्डे का होगा व्यापक विस्तार
सिंधिया के अनुसार, हवाईअड्डा परियोजना का दूसरा चरण 6,500 वर्ग मीटर की सुविधा से 50,000 वर्ग मीटर तक व्यापक होगा। उन्होंने कहा, “हम रनवे को 3,750 मीटर तक बढ़ा रहे हैं, जो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए काफी है।”
अयोध्या हवाई अड्डे का पहला चरण 1,450 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन का क्षेत्रफल 6,500 वर्ग मीटर है और यह सालाना लगभग 10 लाख यात्रियों को सेवा प्रदान कर सकता है।
कल का दिन हिंदुओं के लिए ऐतिहासिक दिन
सिंधिया ने कहा, “कल न केवल नागरिक उड्डयन के लिए, न केवल अयोध्या शहर के लिए, न केवल उत्तर प्रदेश के लिए, न केवल भारत के लिए बल्कि उन सभी के लिए एक ऐतिहासिक दिन होने जा रहा है जो हिंदू धर्म के प्रति हमारी आत्मा की जीवंतता और प्रतिबद्धता में विश्वास करते हैं।”
एक अधिकारी ने कहा कि अयोध्या हवाई अड्डे का नाम ‘महर्षि वाल्मिकी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अयोध्या धाम’ रखा जाएगा और इस संबंध में जल्द ही एक अधिसूचना जारी होने की संभावना है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा गुरुवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया – हवाई अड्डे से क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जिससे पर्यटन, व्यावसायिक गतिविधियों और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा।
350 करोड़ रुपये की लागत से विकसित हो रहा हवाई अड्डा
बता दें कि विमानन नियामक डीजीसीए ने 14 दिसंबर को अयोध्या हवाई अड्डे के लिए ‘एयरोड्रम’ लाइसेंस जारी किया था। इस हवाई अड्डे को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) लगभग 350 करोड़ रुपये की लागत से विकसित कर रहा है।
सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘‘हवाई अड्डे में एयरोनॉटिकल ग्राउंड लाइट (एजीएल) बुनियादी ढांचे के साथ 2,200 मीटर लंबा रनवे है। यह डीवीओआर और इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) से युक्त है, जो हवाई अड्डे को रात में और कम दृश्यता/आरवीआर 550 मीटर के दौरान उड़ानों को संचालित करने की अनुमति देता है।”