फिल्म द केरल स्टोरी (The Kerala Story) पर रोक लगाने को लेकर कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ से इस मामले की जल्द सुनवाई का अनुरोध किया। शीर्ष अदालत उनकी याचिका पर 15 मई 2023 को सुनवाई को राजी हो गया है। सिब्बल ने अपनी याचिका में केरल हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था।
वहीं, ‘द केरल स्टोरी’ पर पश्चिम बंगाल में लगे बैन को हटाने की माँग को लेकर फिल्ममेकर्स ने भी सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। फिल्ममेकर्स ने अपनी याचिका में तमिलनाडु सरकार को राज्य में फिल्म दिखाने वाले सिनेमाघरों को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश देने की भी भी गुहार लगाई है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार (8 मई 2023) को इस फिल्म पर बैन लगाने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि यह फैसला राज्य में नफरत, हिंसा रोकने और शांति बरकरार रखने के लिहाज से लिया गया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिल्ली के एक सिनेमाहॉल में यह फिल्म देखने के बाद मीडियाकर्मियों से कहा था, “यह मेरी समझ से परे है कि तृणमूल कॉन्ग्रेस (टीएमसी) प्रमुख की सहानुभूति आतंकवादी संगठनों के साथ है, न कि केरल की मासूम लड़कियों के साथ। पश्चिम बंगाल इस फिल्म को बैन करके बहुत बड़ा अन्याय कर रहा है।”
गौरतलब है कि केरल हाईकोर्ट ने 5 मई 2023 को इस फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। जस्टिस एन नागरेश और जस्टिस सोफी थॉमस की पीठ ने कहा था कि इस फिल्म में इस्लाम या मुस्लिमों के खिलाफ कुछ भी नहीं है। ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) के बारे में है।
अदालत ने यह भी कहा था कि किसी भी याचिकाकर्ता ने फिल्म नहीं देखी है। फिल्म के ट्रेलर को देखकर लगता है कि इसमें किसी समुदाय विशेष के लिए कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। ऐसी कई फिल्में हैं, जिनमें हिंदू संन्यासियों को तस्कर या बलात्कारी के रूप में दिखाया गया है। लेकिन कोई विरोध नहीं करता। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी ‘The Kerala Story’ की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।