जम्मू-कश्मीर अब नए-नए आयाम गढ़ने में लगा हुआ है। इसी कड़ी में कश्मीर विश्वविद्यालय में Y20 (Youth 20) परामर्श का आयोजन किया गया। यह आयोजन G20 की अध्यक्षता के तहत कश्मीर विश्वविद्यालय ने पहली बार आयोजित किया गया। इस समिट को सफल बनाने की तैयारियों में कश्मीर विश्वविद्यालय के छात्र और प्रोफेसर सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। इस बाबत जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि मैं दुनियाभर से आए विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करता हूं, जिन्होंने Y20 परामर्श की शोभा बढ़ाई है।
मनोज सिन्हा ने कहा कि कश्मीर रोशनी की भूमि है। मुझे इस बात पर गर्व है कि पिछले पांच वर्षों में हरित क्षेत्र 55 प्रतिशत तक बढ़ गया है। वाई 20 परामर्श में भारी भागीदारी समृद्धि का संकेत देती है। विकास और इक्विटी। अकेले सम्मेलन की मेज से जलवायु परिवर्तन से नहीं लड़ा जा सकता है। इसे हर घर के खाने की मेज से लड़ना है। प्रकृति को पोषण की आवश्यकता है। मेरा मानना है कि युवा पीढ़ी दुनिया भर में प्रकृति की रक्षा के लिए सक्रिय भागीदार बनेगी। मैंने हमेशा संतुलित दृष्टिकोण का आह्वान किया। विशेष रूप से, मेजबान भारत सहित 10 देशों के प्रतिनिधियों ने जलवायु परिवर्तन पर यूथ 20 कार्यक्रम में भाग लिया।
इन विदेशी प्रतिनिधियों में रूस और इंडोनेशिया के चार, अमेरिका और ब्राजील के दो-दो और तुर्की, जापान, दक्षिण कोरिया, नाइजीरिया और मैक्सिको के एक-एक प्रतिनिधि शामिल हैं। वाई 20 के बारे में बोलते हुए अमेरिका के प्रतिनिधा विलियम ने कहा कि हम कश्मीर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित हैं। क्योंकि हम सभी जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौतियों को जानते हैं और इस तरह के आयोजन युवाओं को जलवायु के महत्व को जानने में सहायक है। शिखर सम्मेलन श्रीनगर में होने जा रहा है। मुझे लगता है कि यह भारत द्वारा उठाया गया एक अच्छा कदम है और कश्मीर में कई तरह से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।