देश आज अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को इस मौके पर बधाई दी है. वह शुक्रवार (26 जनवरी) सुबह दिल्ली में स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल गए, जहां उन्होंने देश के लिए जान गंवाने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. पीएम के स्वागत के लिए वॉर मेमोरियल पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे. इस दौरान हर साल की तरह इस साल भी पीएम मोदी के लुक की भी काफी चर्चा हुई है.
पीएम मोदी बांधनी साफा या कहें ‘पगड़ी’ पहने हुए नजर आए. ये साफा कई रंगों से बना हुआ है और इसकी लंबाई भी काफी है. पीएम की पगड़ी का रंग मुख्य तौर पर पीला है और ये रंग भगवान राम से जुड़ा हुआ भी माना जाता है. पीएम साफा के अलावा पारंपरिक कुर्ता और चूड़ीदार पायजामा पहनकर पहुंचे. उनके कुर्ते और पायजामे का रंग सफेद है और उसके ऊपर उन्होंने ब्राउन रंग का जैकेट पहना है. पीएम काले रंग के जूते भी पहने हुए थे.
#WATCH | PM Narendra Modi arrives at the National War Memorial to pay homage to those who laid down their lives in the service of the nation pic.twitter.com/owpFbuxyvh
— ANI (@ANI) January 26, 2024
प्रधानमंत्री मोदी की पगड़ी में क्या खास है?
बता दें कि 4 दिन पहले ही 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की है. 500 साल के संघर्ष के बाद प्रभु श्रीराम अपने भव्य मंदिर में स्थापित हुए. पीएम मोदी प्राण प्रतिष्ठा के समय भाव-विभोर दिखाई दिए थे. कहा जा रहा है कि आज प्रधानमंत्री के भगवान श्रीराम के प्रिय रंग की पगड़ी पहनने से साफ है कि वह भगवान श्रीराम में अटूट श्रद्धा रखते हैं. और इसे जताने में कोई गुरेज नहीं करते हैं.
पिछले साल क्या पहना था?
प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद से ही पीएम मोदी बांधनी साफा सिर पर बांधकर गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लेने के लिए आते रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी पिछले साल 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राजस्थानी जोधपुरी पचरंगी मोठडा साफा पहनकर पहुंचे थे. साफे के कपड़े पर पचरंगी लहरिया पर क्रॉस धारियों का डिजाइन था. पगड़ी के सिर पर सिलवटों से पंख बनाया गया था. ये पगड़ी भी इस बार की पगड़ी की तरह नीचे तक लटकी हुई थी, जिसे मोठडा के तौर पर जाना जाता है.
देश में धूमधाम से मन रहा गणतंत्र दिवस
जान लें कि आज देश में गणतंत्र दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. गणतंत्र दिवस के मौके पर देशभर की सरकारी बिल्डिंगों को तिरंगे के रंग में सजाया गया. बीती शाम कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक सरकारी इमारतें तिरंगे की रोशनी में जगमगाती नजर आईं. एक वक्त था जब कश्मीर का लाल चौक आतंक के साए में होता था, लेकिन 25 जनवरी की शाम यहां का नजारा देखते ही बन रहा था. श्रीनगर का घंटाघर तिरंगे के रंग में नहाया हुआ था और लोग उसके साथ सेल्फी ले रहे थे.
परेड में इस बार खास क्या है?
गौरतलब है कि इस बार की गणतंत्र दिवस की परेड भी बहुत खास है. कर्तव्य पथ पर पहली बार ऐसा हुआ कि परेड की शुरुआत शंख, नादस्वरम और नगाड़ा जैसे भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की ध्वनि से हुई. पहली बार 100 महिला कलाकारों के दस्ते ने गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत की. ये कलाकार शंख, नगाड़े जैसे भारतीय वाद्ययंत्र बजाते हुए कर्तव्य पथ से गुजरे.
जान लें कि इस बार गणतंत्र दिवस की थीम ‘इंडिया इज ए मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ यानी ‘भारत लोकतंत्र की मां है’ रखा गया है. इसलिए परेड में इस बार 80 फीसदी महिलाओं की भागीदारी रहेगी और नारी शक्ति पूरे कर्तव्य पथ पर छाई रहेंगी. देश के इतिहास में ये पहला मौका होगा जब जल, थल और वायुसेना का महिला दस्ता परेड में हिस्सा लेगा. और दुनिया भारत के आधुनिक हथियारों के साथ हिंदुस्तान की ताकत देखेगी.