आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च का समर्थन किया और कहा कि ‘अन्नदाता’ को जेल में डालना गलत है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का यह बयान तब आया जब ने कहा कि उसने दिल्ली के बवाना स्टेडियम को जेल में बदलने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। बता दें कि केंद्र सरकार ने सोमवार को दिल्ली सरकार को 13 फरवरी को किसानों के मार्च के दौरान हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों के लिए बवाना स्टेडियम को अस्थायी जेल के रूप में बदलने के लिए लिखा था, जिसे अरविंद केजरीवाल ने नकार दिया है।
दिल्ली-पंजाब सरकार किसानों के साथ
आप मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि किसानों की मांगें वास्तविक हैं और प्रत्येक नागरिक शांतिपूर्ण विरोध करने का हकदार है। मार्च शुरू होने के दो घंटे बाद जब प्रदर्शनकारी शंभू सीमा पर पहुंचे तो हरियाणा पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागने शुरू कर दिए। आप नेता ने कहा “केंद्र सरकार को वास्तव में उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित करना चाहिए और उनकी वास्तविक समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयास करना चाहिए। देश के किसान हमारे अन्नदाता हैं और उन्हें गिरफ्तार करके इस तरह का व्यवहार करना उनके घावों पर नमक छिड़कने जैसा होगा।” दिल्ली में AAP सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों के साथ एकजुटता दिखाई, पंजाब पुलिस ने भी प्रदर्शनकारियों को नहीं रोका।
किसानों ने कहा, ‘हम सड़कें अवरुद्ध नहीं कर रहे हैं’
जैसे ही किसानों ने सुबह 10 बजे चलो दिल्ली मार्च शुरू किया, किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के बीच की सीमा राज्य की सीमा नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमा की तरह दिखती है। किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव पंढेर ने कहा, “आज भी हम यह नहीं कह रहे हैं कि हम सड़कें अवरुद्ध करेंगे। सरकार ने खुद पिछले दो-तीन दिनों से सड़कें अवरुद्ध कर दी हैं।”