मध्यप्रदेश एटीएस द्वारा हिज्ब-उत-तहरीर के आतंकियों को गिरफ्तार किए जाने के बाद जो धर्मांतरण के खेल का भंडाफोड़ हुआ है…उसे जान सब हैरान हैं। पूछताछ में सामने आया कि भोपाल में संगठन का सरगना मोहम्मद सलीम पहले कभी खुद सौरभ राजवैद्य हुआ करता था। लेकिन बाद में उसे मुस्लिम बना लिया गया। उसमें ऐसी कट्टरता भरी गई कि वो खुद युवकों को कट्टरपंथ की ट्रेनिंग देने लगा। माता-पिता बताते हैं कि सलीम उर्फ सौरभ की शिक्षा बहुत सामान्य ढंग से हुई थी। लेकिन भोपाल के कॉलेज में प्रोफेसरी के दौरान एक साथी शिक्षक ने उसे इस्लाम की ओर रुख करवाया और उसके बाद जाकिर नाईक की वीडियो देखते-देखते कुछ समय बाद वह परिवार सहित मुसलमान बन गया।
सलीम के माता-पिता भोपाल के बैरसिया इलाके के निवासी हैं। वह सौरभ से सलीम बने अपने बेटे के बात करते हुए मीडिया के सामने काफी भावुक हो गए। पिता डॉ अशोक राजवैद्य ने जहाँ मीडिया से खुलकर बताया कि ये सब इंटरनेशनल साजिश के तहत हो रहा है। वहीं माँ फफक कर रोते हुए बस ये कहती रहीं कि उनका बेटा आतंकी नहीं बन सकता। उसे फँसाया गया है।
मीडिया को सौरभ की कई पुरानी तस्वीरें दिखाते हुए माता-पिता ने बताया कि 4 बेटियों के बाद सौरभ बड़ी मुश्किल से हुआ था और बचपन से ही पढ़ाई करने में बहुत तेज था। वह डॉक्टर बनना चाहता था। लेकिन मेडिकल में नंबर न आने की वजह से उसने एम.फार्मा के बाद पीएचडी की। इसके बाद वह भोपाल के एक कॉलेज में पढ़ाने लगा।
पिता के अनुसार, वीआईटी कॉलेज में पढ़ाने के दौरान सौरभ की मुलाकात प्रोफेसर कमाल से हुई। उसी कमाल ने बेटे का ब्रेनवॉश किया और फिर उसकी मुलाकात मुंबई में जाकिर नाईक से करवाई। पिता राजवैद्य के अनुसार, नाईक ने भोपाल में कई लोगों को कन्वर्ट किया था। उनके बेटे के धर्मांतरण में भी नाईक का हाथ है।
मीडिया में आए सौरभ के पिता के बयान के अनुसार, कट्टरपंथियों के संपर्क में आने के बाद सौरभ बदल गया था। वह हर बात पर उलझता था, रक्षा बंधन मनाने से मना करता था, भारतीय संस्कृति का विरोध करता था… घरवालों को एक दिन पता चला कि उसने इस्लाम कबूल कर लिया है। जब उससे इस संबंध में सामने से पूछा गया तो उसने हाँ में जवाब दिया। इसके बाद उन्होंने सौरभ को घर से निकाल दिया और पुलिस को सूचना दी कि उसने धर्मांतरण कर लिया है। अब उनका सौरभ से कोई लेना-देना नहीं है।
एटीएस की हालिया कार्रवाई पर उन्होंने कहा कि वो ऐसा एक्शन पहले ही चाहते थे। लेकिन ये अब जाकर हुआ है। मध्यप्रदेश एटीएस ने सलीम को पकड़ा है। उससे पूछताछ और जाँच चल रही है। लेकिन जो खबरें आ रही हैं कि उनका बेटा कैंप में गन ट्रेनिंग देता था, उस पर उन्हें यकीन नहीं है। पिता कहते हैं कि ये सब कुछ अंतरराष्ट्रीय साजिश के तहत हुआ है। इंटेलिजेंट लड़कों पर उनकी (कट्टरपंथियों) नजर होती है। उनको वह हिंदू से मुस्लिम बनाते हैं। यह डॉक्टर जाकिर नाइक की साजिश है। वे लोग ऐसा नशा पिलाते हैं कि ऑरिजनल इस्लाम एक तरफ हो जाता है और लोग कट्टर-हिंसक बन जाते हैं।
डॉ अशोक राजवैद्य बताते हैं कि कैसे सौरभ पहले खुद इस्लाम कबूल करके सलीम बना। उसके बाद उसकी बीवी मानसी को मुसलमान बनाया और दो पोते जिनका नाम उन्होंने अनुनय और वत्सल रखा था उन्हें बदलकर युसूफ और इस्माइल कर दिया। पिता ने यह भी जानकारी दी कि सलीम के हैदराबाद जाने के बाद उसके बेटे उसके साथ नहीं रहना चाहते थे। वे घर से भागकर भोपाल आना चाहते थे, लेकिन सलीम उन्हें पकड़ लेता था। ये बात खुद दोनों पोतों ने उन्हें बताई 6 महीने पहले बताई थी। हैदराबाद में सलीम ओवैसी के कॉलेज में प्रोफेसर था। धर्मांतरण के बाद उसे यहाँ नौकरी मिली थी।
सौरभ की माँ ने मीडिया से बात करते हुए बार-बार गुहार लगाई कि किसी तरह उनका बेटा उन्हें लौटा दिया जाए। माँ बसंती जैन ने कहा कि उनका बेटा उन लोगों से बहुत चीजें छिपाने लगा था। जब आखिरी बार सौरभ ने बात की थी तो उन्हें लगा ही था कि वो किसी दिक्कत में है। मगर, बहुत पूछने पर कुछ बताया नहीं। बाद में उसकी बीवी मानसी से बात हुई तो वह बहुत रोई। उसने कहा कि गिरफ्तारी के बारे में सौरभ ने माता-पिता को बताने से मना किया था। इस पर बसंती जै ने कहा पहले अगर वे लोग उनके पास लौट आते तो यह सब नहीं होता। माँ का मानना है कि उनके बेटे से कोई ये सब जबरदस्ती ब्लैकमेल करके करवा रहा है। उनका बेटा ये सब नहीं कभी नहीं कर सकता।
बसंती जैन के मुताबिक अगर सौरभ उनके साथ रहता तो कभी कट्टरपंथ की चीजों में नहीं फँसता। उसे पहले उनसे दूर किया गया और फिर इन चीजों में फँसाया गया। उसके बर्ताव के कारण डॉ अशोक राजवैद्य कभी उससे बात नहीं करते थे। लेकिन बसंती जैन उसे फोन करती थीं। उसके बच्चों के लिए तोहफे भिजवाती थीं…सिर्फ इसलिए ताकि सौरभ का कनेक्शन परिवार से बिलकुल न कटे। कभी-कभी वो फोन पर कहती भी थीं- “बेटा वापस आजा” पर वो जवाब देता था- “आखिर में तो मरना ही है, ऐसे ही मर जाएगें।” बसंती जैन यह भी बताती हैं कि सौरभ ने एक बार उन्हें कहा था- “अम्मा अगर हम फँसें तो बचा लेना।” अपने बेटे की पुरानी बातें याद करते हुए माँ कहती है- मेरा बेटा निर्दोष है, वो आतंकी नहीं हो सकता, उसे फँसाया जा रहा है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश और तेलंगाना की एटीएस ने भोपाल-छिंदवाड़ा में हिज्ब उत- तहरीर के आतंकियों को पकड़कर उनके मनसूबों का खुलासा किया था। जाँच में इनके पास से कई आपत्तिजनक मिलीं थी। इनका मकसद भारत को इस्लामी देश बनाने का था। हालाँकि पूछताछ में धर्मांतरण की ऐसी कहानी सामने आई जिसने सबको हैरान कर दिया। सीएम शिवराज ने आतंकियों के खुलासे के बाद सामने आकर कहा कि वो राज्य में ‘द केरल स्टोरी’ नहीं बनने देंगे। यहाँ आतंकवाद को नेस्तनाबूद किया जाएगा।