देश में सीएए यानी नागरिकता संशोधन कानून लागू हो गया है. इसे लेकर हो रही राजनीति के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया कि सीएए यानी नागरिकता संशोधन कानून कभी भी वापस नहीं लिया जाएगा. समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा, ‘सीएए कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा. हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु अधिकार है, हम इससे कभी समझौता नहीं करेंगे.’ इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को आश्वासन दिया था कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम में किसी की भी नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है.
#WATCH | "CAA will never be taken back. It is our sovereign decision to ensure Indian citizenship in our country, we will never compromise on it, "says Union Home Minister Amit Shah. pic.twitter.com/viF82sRyTX
— ANI (@ANI) March 14, 2024
विपक्ष के इस आरोप पर कि ‘भाजपा CAA के जरिए नया वोट बैंक बना रही है’ पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘विपक्ष के पास कोई और काम नहीं है…उनका इतिहास है कि वे जो कहते हैं वह करते नहीं हैं, प्रधानमंत्री मोदी का इतिहास है कि जो भी भाजपा ने कहा है और नरेंद्र मोदी ने जो कहा है, वह पत्थर की लकीर है. पीएम मोदी की हर गारंटी पूरी होती है.’ उन्होंने यहां तक कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक में राजनीतिक फायदा है, तो क्या हमें आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए? उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना भी हमारे राजनीतिक फायदे के लिए था. हम 1950 से कह रहे हैं कि हम अनुच्छेद 370 को हटाएंगे.
CAA से किसे मिलेगी नागरिकता? गृहमंत्री ने बताया
अमित शाह ने कहा कि सीएए का मकसद, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सताए गए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों समेत गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देना है. इन देशों से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए लोगों को CAA के तहत नागरिकता देने का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि मुसलमानों को संविधान के नियमों के मुताबिक, भारत में नागरिकता के लिए आवेदन करने का अधिकार है, लेकिन यह कानून इन देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों के लिए है.
विपक्ष पर बरसे अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए अधिसूचना पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की टिप्पणी पर कहा, ‘वह दिन दूर नहीं, जब बीजेपी वहां (पश्चिम बंगाल) सत्ता में आएगी और घुसपैठ रोकेगी. अगर आप इस तरह की राजनीति करेंगे और इतने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर तुष्टीकरण की राजनीति कर घुसपैठ करायेंगे और शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का विरोध करेंगे, तो जनता आपके साथ नहीं होगी. ममता बनर्जी को शरण लेने वाले व्यक्ति और घुसपैठिए के बीच अंतर नहीं पता….’
वहीं, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बयान उस कि शरणार्थियों को नागरिकता देने से चोरी और बलात्कार के मामले बढ़ेंगे; का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा, ‘भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री आपा खो बैठे हैं. वह नहीं जानते हैं कि ये सभी लोग पहले से ही भारत में आकर रह रहे हैं. अगर उन्हें इतनी ही चिंता है तो बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात क्यों नहीं करते या रोहिंग्या का विरोध क्यों नहीं करते? वो वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं… वो विभाजन की पृष्ठभूमि भूल गए हैं और शरणार्थी परिवारों से मिलना चाहिए…’