प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 22 मार्च तक भूटान की राजकीय यात्रा करेंगे. विदेश मंत्रालय (एमईए) ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि भारत और भूटान “एक अनूठी और स्थायी साझेदारी साझा करते हैं जो आपसी विश्वास, समझ और सद्भावना में निहित है.” बयान में कहा गया है कि यह यात्रा भारत और भूटान के बीच नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा और सरकार की ‘पड़ोसी पहले नीति’ पर जोर देने के अनुरूप है.
अपनी भूटान यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी भूटान के राजा महामहिम जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और भूटान के चौथे राजा महामहिम जिग्मे सिंग्ये वांगचुक से मुलाकात करेंगे.अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री अपने भूटानी समकक्ष शेरिंग टोबगे से भी बातचीत करेंगे.
पड़ोसी प्रथम नीति पर जोर
पीएम मोदी की भूटान यात्रा को लेकर विदेश मंत्रालय का भी बयान सामने आया है। मंत्रालय ने कहा कि भारत और भूटान एक अनूठी और स्थायी साझेदारी साझा करते हैं। ये साझेदारी आपसी विश्वास, समझ और सद्भावना में निहित है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदा का यह दौरा भारत और भूटान के बीच नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा और सरकार की पड़ोसी प्रथम नीति पर जोर देने के अनुरूप है।
पिछले हफ्ते ही भारत आए थे टोबगे
आपको बता दें कि भूटान के प्रधानमंत्री टोबगे पिछले हफ्ते ही अपने पांच दिवसीय दौरे के तहत भारत पहुंचे थे.जनवरी में ही उन्होंने प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभाला था और इस पद पर आसीन होने के बाद उनकी यह पहली विदेश यात्रा थी. अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधान मंत्री मोदी से मुलाकात की. इसके अलावा उन्होंने अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के अलावा विभिन्न उद्योगों के प्रमुखों के साथ बैठकें भी कीं थी.
पीएम मोदी का भूटान में शेड्यूल
21 और 22 मार्च को अपने राजकीय यात्रा में पीएम मोदी भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और उनके पिता जिग्मे सिंग्ये वांगचुक से मुलाकात करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि मोदी भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से भी मुलाकात करेंगे। पीएम की इस यात्रा में भारत और भूटान के बीच द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मामलों पर विचारों के आदान-प्रदान और दोनों देशों के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए साझेदारी को आगे ले जाने और उसे मजबूत बनाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।