गाजा में युद्धविराम को लेकर यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल में प्रस्ताव पारित हो गया है. अमेरिका ने इस प्रस्ताव पर मतदान नहीं किया लेकिन इसके पक्ष में 14 वोट पड़े हैं. यूएनएससी के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि इस प्रस्ताव को अवश्य ही लागू किया जाना चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि इस प्रस्ताव को अवश्य लागू किया जाना चाहिए. एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को गाजा में “तत्काल युद्धविराम” और इज़राइल पर 7 अक्टूबर के हमले के बाद हमास द्वारा बंधक बनाए गए सभी नागिरकों को “बिना शर्त” रिहाई के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रस्ताव को लागू किया जाना चाहिए और इसे लागू करने में कोई भी गिरावट “अक्षम्य” होगी.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि, “सुरक्षा परिषद ने गाजा पर एक लंबे समय से प्रतीक्षित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें तत्काल युद्धविराम और सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग की गई है. इस प्रस्ताव को लागू किया जाना चाहिए. इसकी विफलता अक्षम्य होगी.”
The Security Council just approved a long-awaited resolution on Gaza, demanding an immediate ceasefire, and the immediate and unconditional release of all hostages.
This resolution must be implemented. Failure would be unforgivable.
— António Guterres (@antonioguterres) March 25, 2024
इन देशों ने रखा युद्धविराम का प्रस्ताव
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, मसौदा प्रस्ताव को अल्जीरिया, गुयाना, इक्वाडोर, जापान, माल्टा, मोजाम्बिक, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया, दक्षिण कोरिया और स्विट्जरलैंड सहित अंतर्राष्ट्रीय मंच के 12 गैर-स्थायी सदस्यों द्वारा आगे रखा गया था. युद्धविराम की मांग करने वाला मसौदा प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में मोजाम्बिक के राजदूत पेड्रो कोमिसारियो अफोंसो द्वारा पेश किया गया था. उन्होंने कहा कि, “हम इस मसौदा प्रस्ताव पर और गाजा पट्टी में विनाशकारी स्थिति को समाप्त करने के लिए इस परिषद के सभी सदस्यों के प्रयासों और इनपुट के लिए गहरी सराहना व्यक्त करते हैं.”
उन्होंने कहा, “गाजा की स्थिति पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय है; वास्तव में, गाजा पट्टी में संघर्ष का बढ़ना और इसके विनाशकारी परिणाम अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक स्पष्ट खतरा हैं.” मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि स्थायी सदस्यों रूस और चीन द्वारा बिना शर्त, तत्काल युद्धविराम का आग्रह नहीं करने के लिए शुक्रवार को अमेरिकी मसौदा प्रस्ताव को वीटो करने के बाद यह प्रस्ताव पारित किया गया था और निकाय के गैर-स्थायी देशों द्वारा तत्काल युद्धविराम का आह्वान करते हुए प्रस्ताव फिर से पेश किया गया था.
वोटिंग से नदारद रहा अमेरिका
वहीं इजरायल के सहयोगी संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस प्रस्ताव पर वोटिंग से परहेज किया. जबकि अमेरिका हर बार इस मामले में वीटो करता था, लेकिन इस बार वह वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहा. बता दें कि यूएनएससी में ‘घर्षविराम’ के प्रस्ताव को बहुमत से पारित किया गया. अमेरिका के अलावा सुरक्षा परिषद के अन्य सभी 14 सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया.
पीएम बेंजामिन नेतन्याहू नाराज हुए
गाजा में युद्धविराम की मांग वाले प्रस्ताव पर अमेरिका के वीटो नहीं करने से इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू नाराज हो गए हैं. उनका कहना है कि वह गाजा में पुद्धविराम के लिए यूएनएससी के प्रस्ताव को वीटो नहीं करने पर वाशिंगटन में योजना के मुताबिक प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजेंगे. मसलन, अमेरिका की तरफ से इजरायल पर युद्धविराम को लेकर कथित रूप से लगातार दबाव बनाया जा रहा था. इस पर दोनों मुल्कों में बातचीत चल रही थी
अमेरिका ने दी चेतावनी
अमेरिका ने चेतावनी दी कि सोमवार को स्वीकार किए गए प्रस्ताव अमेरिका, मिस और कतर के बीच चल रही बातचीत को प्रभावित कर सकता है. मसलन, बीते कुछ दिनों से अमेरिकी विदेश मंत्री लगातार मिडिल ईस्ट का दौरा कर रहे हैं और गाजा में बंधकों की रिहाई पर प्रमुखता से बातचीत कर रहे हैं. इस बीच उन्होंने मुद्धविराम का भी समर्थन किया है. अब यूएनएससी की तरफ से पारित प्रस्ताव कब तक लागू होता है, यह देखने वाली बात होगी.