सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के धार स्थित भोजशाला और कमल मौला मस्जिद में एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) के सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को विवादित स्थल “भोजशाला और कमल मौला मस्जिद” में सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस भेजा है।
सर्वे के दौरान परिसर में खुदाई का काम न किया जाए: कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम निर्देश में आज (1 अप्रैल) कहा कि सर्वेक्षण के नतीजे के आधार पर उसकी अनुमति के बिना कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि विवादित स्थलों पर कोई भौतिक खुदाई नहीं की जानी चाहिए, जिससे इसका स्वरूप बदल जाए।
मुस्लिम पक्ष ने 22 मार्च को सुप्रीम कोर्ट का किया था रुख
बीते महीने 22 मार्च को धार की भोजशाला में सर्वे शुरू हुआ था। वाराणसी की ज्ञानवापी की तरह ही भोजशाला में सर्वे किया जा रहा है। मुस्लिम पक्ष ने 22 मार्च को ही सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और उन्होंने सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था।
राजा भोज ने बनवाया था भोजशाला
बता दें कि हिंदू पक्ष का कहना है कि धार स्थित कमाल मौलाना मस्जिद दरअसल मां सरस्वती मंदिर भोजशाला है. इसे राजा भोज ने 1034 ईस्वी में संस्कृत की पढ़ाई के लिए बनवाया था. मगर बाद में मुगल आक्रांताओं ने उसे तोड़ दिया था. हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने इस परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए हाईकोर्ट में आवेदन दिया था, जिस पर पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने एएसआई को वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था.