आदि कैलाश और ओम पर्वत के लिए देश की पहली हेलीकॉप्टर यात्रा की शुरुआत 1 अप्रैल 2024 से हो गई है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने के लिए एक अभूतपूर्व यात्रा शुरू करते हुए, उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) ने नोएडा स्थित ट्रिप टू टेम्पल्स के सहयोग से इस यात्रा की शुरुआत की है। खबर के मुताबिक, यूटीडीबी ने ट्रैवल रजिस्ट्रेशन और नॉन-हेली पार्ट के संचालन प्रबंधन को स्वीकार करने के लिए ट्रिप टू टेम्पल्स को ऑथोराइज किया है। परंपरागत रूप से, आदि कैलाश में भगवान शिव और पार्वती की दिव्य उपस्थिति या ओम पर्वत के विस्मयकारी प्राकृतिक दृश्य की तलाश करने वाले तीर्थयात्रियों को कठिन ट्रैक से विवश होकर गुजरना पड़ता था और उन तक पहुंचने के लिए कई दिनों तक पैदल चलना पड़ता था। इस यात्रा के लिए बुकिंग ओपन है। आप ट्रिप टू टेम्पल्स की वेबसाइट पर जाकर बुकिंग करा सकते हैं।
18 तीर्थयात्रियों के एक जत्थे ने पहली बार भरी उड़ान
खबर के मुताबिक, बीते 1 अप्रैल को 18 तीर्थयात्रियों के एक जत्थे ने इन प्रतिष्ठित स्थलों के प्रवेश द्वार के लिए पहली उड़ान भरी। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। तीर्थयात्रियों में से एक, ब्यासदेव राणा ने कहा कि मैं इस उद्घाटन यात्रा के माध्यम से अपने जीवन भर के सपने को साकार होते देख बहुत खुश हूं। ट्रिप टू टेम्पल्स और उत्तराखंड सरकार के बीच की इस कोशिश ने इन पवित्र स्थलों की तीर्थयात्रा को न केवल मेरे लिए संभव बना दिया है, बल्कि समय और शारीरिक बाधाओं से जूझ रहे कई अन् दूसरे लोगों के लिए भी दरवाजे खोल दिए हैं। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह जीवन भर का अवसर है।
एक और दिलचस्प सुविधा 15 अप्रैल से शुरू होगी
ट्रिप टू टेम्पल्स ने, यूटीडीबी के साथ मिलकर, तीर्थयात्रा परिदृश्य में क्रांति ला दी है, जिससे भक्त एक ही दिन में वापसी यात्रा के साथ, दोनों स्थलों के एक दिवसीय हवाई दर्शन करने में सक्षम हो गए हैं। एक और दिलचस्प सुविधा 15 अप्रैल से शुरू होगी। पिथौरागढ़ से सुविधाजनक प्रस्थान के साथ पांच दिवसीय हेलीकॉप्टर यात्रा तीर्थयात्रियों को इन दिव्य स्थानों तक पहुंच की सुविधा प्रदान करेगी। पवित्र स्थलों के पास हेलीकॉप्टर उतरने से, व्यापक पैदल चलने की जरूरत कम हो जाती है, जिससे भक्तों के लिए एक निर्बाध और आरामदायक यात्रा सुनिश्चित होती है।
ट्रिप टू टेम्पल्स के सीईओ विकास मिश्रा ने कहा कि यात्रा का आगामी शीतकालीन सत्र एक अग्रणी उपक्रम बनने के लिए तैयार है, जो बर्फ से ढकी व्यास घाटी, आदि कैलाश और ओम पर्वत के मंत्रमुग्ध कर देने वाले दृश्यों की पेशकश करेगा। हेलीकॉप्टर उड़ानें और ऑल-टेरेन वाहन (एटीवी) ज्योलिंगकोंग और नाभीडांग से कठिन ट्रेक की जगह लेंगे, जिससे सर्दियों के मौसम के दौरान भी बर्फीले विस्तार के माध्यम से एक आरामदायक यात्रा सुनिश्चित होगी।