दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री राजकुमार आनंद ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा भ्रष्टाचार को लेकर आम आदमी पार्टी के रुख पर सवाल उठाए। उनके पास समाज कल्याण मंत्रालय की जिम्मेदारी थी। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि वो किसी पार्टी में नहीं जा रहे हैं।
मीडिया से बातचीत में राजकुमार आनंद ने कहा, “में राजकुमार आनंद में दिल्ली सरकार में मंत्री हूं, मेरे पारा 7 पोर्टफोलियो हे लेकिन आज में बहुत व्यथित हूं इसलिए में आज आपको अपना दुख साझा करने आया हूं.. में राजनीति में तब आया था जब अरविंद केजरीवाल जी ने कहा था की राजनीति बदलेगी लेकिन आज मुझे अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि राजनीति तो नहीं बदली लेकिन राजनेता बदल गए… आम आदमी पार्टी का जन्म भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से हुआ था लेकिन आज ही पार्टी खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फंस चुकी है।”
उन्होंने कहा, “मेरे लिए मंत्री पद पर रहकर इस सरकार में रहकर काम असहज हो गया है, में इस पार्टी, इस सरकार से इस्तीफा दे रहा हूं क्योंकि में भ्रष्ट आचरणों में अपना नाम नहीं जुड़ना चाहता। में नहीं समझता कि हमारे पास शासन करने की कोई नैतिक ताकत बची है।”
नवंबर 2023 में ईडी ने मारा था छापा
बता दें कि बीते साल नवंबर में जब ईडी ने सीएम केजरीवाल को जब शराब घोटाले में पूछताछ के लिए बुलाया था तो इससे ठीक पहले ईडी ने मंत्री राजकुमार आनंद के आवास पर छापा मारा था. प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली सरकार मंत्री राजकुमार आनंद के घर पर छापेमारी के पहुंची थी. ईडी की टीम मंत्री के सिविल लाइंस स्थित आधिकारिक आवास समेत 9 जगहों पर छानबीन की थी. सामने आया था कि, ईडी की टीम ने राजकुमार आनंद के बिजनेस से जुड़े मामले में छापेमारी की थी. राजकुमार आनंद पर हवाला लेनदेन में शामिल होने का भी शक था. इस छापेमारी को सीमा शुल्क मामले से भी जोड़कर देखा जा रहा था.
कौन हैं राजकुमार आनंद?
राजकुमार आनंद साल 2020 में पहली बार पटेल नगर सीट से विधायक बने थे. इससे पहले उनकी पत्नी वीना आनंद भी इसी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं. दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम की जगह राजकुमार आनंद को कैबिनेट में शामिल किया गया था. बता दें बौद्ध सम्मेलन के एक कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी की गई थी, जहां राजेंद्र पाल गौतम भी मौजूद थे, जिसके बाद काफी बवाल हुआ था और राजेंद्र गौतम को कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था.