सुप्रीम कोर्ट से दिग्गज कारोबारी अनिल अंबानी को बड़ा झटका लगा है। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली मेट्रो से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने DMRC को राहत दी है।
उचचतम न्यायालय ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को बड़ी राहत प्रदान करते हुए कहा कि वह ‘दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड’ को 8,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं है। डीएमआरसी को 2017 में यह आदेश सुनाया गया था। ‘दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड’ रिलाइंस इंफ्रास्ट्रक्चर की कंपनी है।
सुप्रीम कोर्ट ने डीएमआरसी की ओर से दाखिल क्यूरेटिव याचिका को मंजूरी देते हुए अनिल अंबानी को ये बड़ा झटका दिया है। भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसले के खिलाफ उसकी पुनरीक्षण याचिका को खारिज किए जाने के विरूद्ध दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की सुधारात्मक याचिका (curative Plea) को विचारार्थ की अनुमति दी।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया यह आदेश
फैसले में कहा गया कि डीएमआरसी द्वारा अब तक जमा की गई राशि वापस कर दी जाएगी और पार्टियों को उनकी स्थिति में बहाल कर दिया जाएगा, जिस स्थिति में वे दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले की घोषणा की तारीख पर थे। विस्तृत फैसले की प्रतीक्षा है।
क्या है मामला
डीएमआरसी की याचिका में DAMEPL को 8 हजार करोड़ रुपये के भुगतान के आदेश को चुनौती दी गई थी। अनिल अंबानी की कंपनी दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लिमिटेड द्वारा दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन का संचालन किया जाता था, लेकिन साल 2013 में विभिन्न कारणों से डीएमआरसी ने तय समय से पहले ही कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया था। साथ ही डीएमआरसी ने कंपनी को समाप्ति शुल्क का भुगतान भी नहीं किया था। इसके बाद दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लिमिटेड ने डीएमआरसी के फैसले का विरोध किया और दोनों पक्षों में कानूनी लड़ाई शुरू हो गई। विवाद को साल 2017 में मध्यस्थता के लिए भेजा गया, जिसमें ट्रिब्यूनल ने अंबानी की कंपनी डीएएमईपीएल के पक्ष में फैसला सुनाया और डीएमआरसी को कंपनी को मध्यस्थता पुरस्कार देने का आदेश दिया। अब यह राशि ब्याज समेत करीब आठ हजार करोड़ हो चुकी है।