प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल में पहली बार 30 जून को ‘मन की बात’ कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे. पीएम ने सभी दर्शकों से कार्यक्रम के लिए विचार और सुझाव मांगे हैं. ये मासिक रेडियो कार्यक्रम का 111वां एपिसोड बेहद खास होगा क्योंकि पीएम मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद ये पहला एपिसोड होगा. आचार संहिता के चलते पीएम मोदी के इस मासिक कार्यक्रम को प्रसारित नहीं किया जा रहा था.
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी 30 जून 2024, सुबह 11: 00 बजे 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित करेंगे।
सुझाव देने के लिए डायल करें- 1800-11-7800
फोन लाइन: 28 जून 2024 तक खुली रहेंगी।#MannKiBaat pic.twitter.com/pEzEjrsbvH
— BJP Madhya Pradesh (@BJP4MP) June 17, 2024
111वां एपिसोड इसलिए खास माना जा रहा है क्योंकि पीएम इस कार्यक्रम में तीसरी बार एनडीए को बहुमत देने के लिए जनता का आभार जताने के साथ ही सरकार की प्राथमिकताएं साझा कर सकते हैं. मन की बात कार्यक्रम पीएम नरेंद्र मोदी का एक मासिक रेडियो कार्यक्रम है. जहां प्रधानमंत्री राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण विषयों और मुद्दों पर बातचीत करते हैं. ये शो 9 साल साल पहले 3 अक्टूबर 2014 में लांच किया था. यह कार्यक्रम हर महीने के अंतिम रविवार को सुबह 11 बजे आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रसारित किया जाता है.
मोदी 3.0 का पहला एपिसोड
इस कार्यक्रम का उद्देश्य देशवासियों से सीधे संवाद करना और उन्हें देश के विकास के बारे में जानकारी देना है. इस कार्यक्रम के जरिए पीएम मोदी जनता से जुड़कर खुद बात करते हैं. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देश में आचार संहिता के चलते पीएम मोदी के इस मासिक कार्यक्रम को प्रसारित नहीं किया जा रहा था. इस बार फिर एनडीए ने तीसरी बार सरकार बनाई है. मोदी 3.0 कैबिनेट का विस्तार हो चुका है. ये एपिसोड इस सरकार में पहली बार प्रसारित किया जाएगा.
110वें एपिसोड में पीएम ने कही थी ये बात
इससे पहले 110वें एपिसोड में पीएम ने टेक्नोलॉजी पर विस्तार से बात की थी. उन्होंने कहा था, आज हम सभी के जीवन में टेक्नोलॉजी का महत्व कई गुना बढ़ गया है. हर किसी के जीवन का मोबाइल फोन और डिजिटल गैजेट्स अहम हिस्सा बन गए हैं. उत्तराखंड के रुड़की में Rotor Precision Group ने Wildlife Institute of India के साथ मिलकर एक ऐसा ड्रोन तैयार किया है, जो केन नदी में मगरमच्छों पर नज़र रखने में मदद कर रहा है. इसी तरह, बेंगलुरु की एक कंपनी ने बघीरा और गरुड़ नाम से ऐप तैयार किया है.