दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीएम अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी है. इसके साथ ही आबकारी नीति मामले में आरोपी विनोद चौहान की हिरासत में भी बढ़ा दी गई है. दोनों की हिरासत की अवधि समाप्त होने पर उन्हें बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया था.
Delhi Excise policy PMLA case | Rouse Avenue court extends the judicial custody of Delhi CM Arvind Kejriwal and Vinod Chauhan till July 3.
Both were produced before the court through video conferencing from Tihar Jail after the expiry of their judicial custody.
— ANI (@ANI) June 19, 2024
स्पेशल जज न्याय विंदु की अदालत में आज की सुनवाई हुई है। ED की तरफ से ASG एस वी राजू और केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी अदालत में मौजूद रहे और दोनों ने अपनी-अपनी दलीलें दीं। विक्रम चौधरी ने अदालत को बताया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित किया हुआ है।
कोर्ट में क्या कहा केजरीवाल के वकील ने
विक्रम चौधरी- फैसला सुरक्षित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत मे जमानत याचिका दाखिल करने की छूट दी थी। अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री है, एक राष्ट्रीय पार्टी के मुखिया है, उनसे समाज को कोई खतरा नहीं है। यह मामला अगस्त 2022 से लंबित है, केजरीवाल को 2024 में गिरफ्तार किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई के अपने आदेश में कहा था केजरीवाल निचली अदालत में ज़मानत याचिका दाखिल कर सकते हैं।
वकील ने कहा 17 अगस्त 2022 को CBI ने केस दर्ज किया था, CBI द्वारा मामले में कई चार्जशीट दाखिल की गई है। वह CBI के मामले में आरोपी नहीं हैं। जबकि 22 अगस्त को ईडी ने मामला दर्ज किया था।इस मामले में सीबीआई ने पूछताछ भी किया है लेकिन सीबीआई को अभी तक कुछ नही मिला है। ईडी ने जो पहला समन जारी किया था। उसके जवाब में ईडी से पूछा गया था कि केजरीवाल को किस हैसियत से समन किया गया है। क्या उनको मुख्यमंत्री के रूप, या पार्टी मुखिया के रूप में या निजी रुप से उनको समन जारी किया गया है। ED से पूछा गया था कि वह उनको सवाल भेज दें। वह उसका जवाब दे देंगे दस्तावेज़ भेज देंगे, ED ने चौथा समन ईमेल से भेजा था। चौथे समन में ED ने कहा था कि उनको निजी रूप से बुलाया है वह तब भी मामले में आरोपी नहीं थे।
केजरीवाल की तरफ से वकील ने कहा कि जांच एजेंसी ईडी ने मुझे अगला समन डेढ़ महीने बाद भेजा, मैं किसी विशेष दर्जे का दावा नहीं कर रहा हूं। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि एक संवैधानिक पदाधिकारी को बुलाया जा रहा है। अगर आप मेरा सम्मान नहीं कर रहे हैं तो कोई बात नहीं पर कम से कम पद का तो सम्मान करना ही चाहिए। जब कोई मुख्यमंत्री लिखता है कि मुझे व्यक्तिगत रूप से बुलाया जा रहा है और इससे मेरे आधिकारिक कर्तव्य प्रभावित होते हैं।
16 मार्च 2024 को, देश में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो गई है। उसी दिन मुझे समन जारी किया जाता है, मैं इस समन को चुनौती देते हुए 19 मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाता हूं। मेरी अर्जी पर HC से ईडी को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा जाता.है। 21 मार्च को हाईकोर्ट मे सुनवाई होती है। दिल्ली हाईकोर्ट किसी भी अंतरिम राहत देने से इनकार करता है। लेकिन उसी दिन शाम 5 बजे के आसपास, सूर्यास्त के बाद ईडी सीएम आवास जाती हैं और गिरफ्तार कर लेती है।
केजरीवाल के वकील ने कहा कि पूरा केस सिर्फ ऐसे गवाहों के बयान पर आधारित है जिनको पहले गिरफ्तार किया गया और उनको ज़मानत का वादा किया गया उनको माफ करने का वादा किया गया। अगस्त 2023 में आखिरी बार बयान दर्ज किया गया था। एजेंसी ने रिकॉर्ड पर कहा है कि केजरीवाल आरोपी नहीं है और मुझे मेरी व्यक्तिगत क्षमता में बुलाया जा रहा है। जब उन्होंने मुझे गिरफ्तार किया, तो उन्होंने सीएम और आप के संयोजक के रूप में मेरी भूमिका का उल्लेख किया।
यह पूरा मामला अगस्त 2022 में शुरू हुआ और केजरीवाल की गिरफ्तारी चुनाव से ठीक पहले मार्च 2024 में हुई, उन्होंने केजरीवाल को गिरफ्तार करने के लिए चुनाव की घोषणा होने का इंतजार किया। केजरीवाल की गिरफ़्तारी के समय के पीछे भी एक दुर्भावना है।केजरीवाल की तरफ से उनके वकील ने कहा कि ईडी जो भी आरोप लगा रही हैं, ऐसा लगता है कि वे मुझ पर पीएमएलए के तहत नहीं बल्कि सीबीआई के मामले में मुकदमा चला रहे हैं। ईडी मेरे कन्डक्ट पर आरोप लगा रही है, अगर मेरा कन्डक्ट खराब है तो इसकी जांच सीबीआई करेगी। ईडी केवल मनी लॉन्ड्रिंग में मेरी भूमिका की जांच कर सकती है।
केजरीवाल के वकील ने गवाहों के बयान पर सवाल उठाया, केजरीवाल के वकील ने कहा कि केजरीवाल के खिलाफ गवाहों के बयान की सत्यता संदिग्ध है और इनमें भौतिक पुष्टि का अभाव है कहा यह बयान ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने और जमानत मिलने में विफल रहने के बाद दिए गए थे। ईडी ने बयानों के लिए उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सौदा कर दिया।
केजरीवाल के वकील ने कहा कि सरथ रेड्डी को भी पीठ दर्द के आधार पर जमानत दी गई। गिरफ्तारी के बाद रेड्डी ने 11 बयान दिए, जिनमें मेरे खिलाफ कोई आरोप नहीं था। इसके बाद 5 अप्रैल को उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई और उसके बाद से ही वे मेरे खिलाफ बयान देने लगे। सरथ रेड्डी की कंपनी ने सत्तारूढ़ पार्टी के लिए 50 करोड़ का चुनावी बांड खरीदा, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि 100 करोड़ साउथ ग्रुप से आए। जांचें हमेशा जारी रहती हैं, वह अनंत काल के लिए होती हैं, आरोपी मर जाते हैं, न्यायाधीश बदल जाते हैं, अधिकारी का तबादला हो जाता है लेकिन जांचें जारी रहती है। ईडी का मानना है कि PMLA की धारा 50 के तहत सब कुछ स्वीकार्य है… लेकिन बयानों की सत्यता देखिए। इसमें पैसे का कोई लेन-देन नहीं है।
ईडी के वकील ने क्या कहा
ईडी की तरफ से पेश हो रहे ASG SV राजू ने कहा कि केजरीवाल के मामले में आरोपी के रूप में कोर्ट द्वारा अभी तक समन नहीं किया गया है लेकिन मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, चार्जशीट पर संज्ञान अभी तक नही लिया गया है।ED ने कहा मामले में बड़े स्तर पर आरोपियों की ज़मानत अर्ज़ी खारिज हुई है, यहां तक कि मनीष सिसोदिया की भी ज़मानत अर्ज़ी खारिज हुई है।
ASG राजू- इस मामले में AAP को आरोपी बनाया गया है, कई और आरोपी हैं जिनकी जमानत खारिज हो चुकी है। इसका मतलब है कि कोर्ट इस नतीजे पर पहुंचा है कि मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध बनता है।
ASG राजू- PMLA के सेक्शन 45 के तहत ज़मानत की दोहरी शर्तों का प्रावधान है। कोर्ट को ज़मानत देने से पहले ये देखना होगा कि क्या आरोपी इस कसौटी पर खरा उतरता है। ED ने कहा कि विजय नायर मिडिलमैन के रूप में काम कर रहा था, उसने बुच्चीबाबू, अभिषेक बोइनपल्ली समेत कई बिज़नसमैन से मुलाक़ात किया था
ASG राजू- सीबीआई जांच से पता चलता है कि केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। कोर्ट ने कहा कि हम केजरीवाल के वकील द्वारा उठाए गए सवालों पर जवाब चाहते हैं। उन्होंने कहा है कि मूल मामले में उनका नाम नहीं था। उनका कहना है कि केवल अप्रूवर के बयान हैं और ये बयान विश्वसनीय नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि वह एक संवैधानिक पदाधिकारी हैं और आदतन अपराधी नहीं हैं।
ASG राजू ने कहा कि PMLA की धारा 45 में यह नहीं कहा गया है कि कोई व्यक्ति संवैधानिक पद पर है, इसलिए उसे जमानत दी जा सकती है। सीबीआई की आगे की जांच में केजरीवाल की भूमिका सामने आई है। इसलिए उनका यह दावा कि इस अपराध में उनकी कोई भूमिका नहीं है, ये गलत दलील है। उनका कहना है कि बयान विश्वसनीय नहीं है।