उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को सत्संग आयोजन में भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई. प्रदेश और देश ही नहीं विदेश के लोगों को भी इस घटना ने झकझोर कर रख दिया है. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इस हादसे पर दुख जताया है. पुतिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शोक संदेश भेजा है. उन्होंने लिखा, ” हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति मेरी सहानुभूति है. मैं हादसे में घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं”.
✉️ President of #Russia Vladimir Putin sent a condolence message to President of #India Droupadi Murmu & Prime Minister of India Narendra Modi over the tragic stampede in #UttarPradesh:
Kindly accept the most sincere condolences over the tragic accident in Uttar Pradesh. pic.twitter.com/pWBrYnoMWO
— Russia in India 🇷🇺 (@RusEmbIndia) July 3, 2024
बता दें कि भोले बाबा का सत्संग में यह हादसा दोपहर करीब एक बजे फुलरई गांव में हुआ था. भगदड़ मचने से जिन लोगों की मौत हुई उसमें अधिकतर बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं शामिल हैं. हादसे के बाद बाबा मौके से भाग गया, जिसकी तलाश पुलिस अभी भी कर रही है. वहीं, बुधवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद हाथरस पहुंचे और उन्होंने घायलों से मुलाकात की.
कैसे हुई थी घटना?
नारायण हरि साकार उर्फ भोले बाबा का सत्संग हर मंगलवार को अलग-अलग जगहों पर आयोजित होता है. बाबा का एक नियम है कि वो सत्संग खत्म करने के बाद, मंच से बाहर पैदल नहीं चलते. इसी कारण उनकी गाड़ियों का काफिला मंच तक ही पहुंचता है. बाबा के दर्शन के लिए लोग उनकी गाड़ियों के पीछे भागे. श्रद्धालुओं को काबू करने के लिए सेवादारों ने पानी की बौछार की, जिसके कारण मिट्टी पर फिसलन हो गई. बाबा के दर्शन के लिए भक्त इतने दीवाने थे कि जमीन पर गिरे हुए लोगों को कुचलते हुए, वो गाड़ी की तरफ बढ़ने लगे. देखते ही देखते भगदड़ मच गई.
हादसे की न्यायिक जांच कराएंगे: CM योगी
सीएम योगी ने कहा कि चश्मदीद लोगों से बातचीत की है. सेवादार प्रशासन को अंदर घुसने नहीं देते हैं. ज्यादातर सेवादार वहां से भाग गए. हमने एसआईटी गठित की है, एक प्रारंभिक रिपोर्ट आई है, लेकिन इसकी तह में हम जाएंगे. आयोजकों से पूछताछ करना और घटना की जवाबदेही तय करने के लिए कार्रवाई आगे बढ़ रही है. यह हादसा है या साजिश इसकी न्यायिक जांच कराएंगे. ये जांच रिटायर्ड हाई कोर्ट के जज की अध्यक्षता में होगी. ऐसी घटना दोबारा ना हो, इसके लिए एक एसओपी भी बनवाकर लागू करेंगे.