नकदी की कमी से और रोजमर्ररा की चीजों के अकाल से जूझ रहा पाकिस्तान को राहत की सांस मिली है. पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने सात अरब डॉलर के नए ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. वहीं, अब इस आर्थिक पैकेज से पाकिस्तान को कई समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी.
पाकिस्तान को तीन साल की अवधि वाले इस ऋण पैकेज से जटिल आर्थिक परेशानियों से उबरने में एक बड़ा सहयोग मिला है. आईएमएफ ने पाकिस्तान को ‘स्टैंड-बाय अरेंजमेंट’ (SBA) के तहत यह ऋण मुहैया करा रहा है. एसबीए एक छोटी अवधि का ऋण है, जो आईएमएफ भुगतान संकट का सामना कर रहे अपने सदस्य देशों को देता है.
MDA आईएमएफ और विश्व बैंक का एक उप-समूह
आईएमएफ ने एक बयान में कहा कि 2023 ‘स्टैंड-बाय अरेंजमेंट’ (SBA) के तहत हासिल की गई आर्थिक स्थिरता को आगे बढ़ाते हुए आईएमएफ कर्मचारी और पाकिस्तानी अधिकारी एक कर्मचारी स्तरीय समझौते पर पहुंच गए हैं. इसके तहत लगभग सात अरब डॉलर की विस्तारित फंड सुविधा व्यवस्था (IFF) पर सहमति बनी है.
अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन स्थित ऋणदाता ने आगे कहा कि नए कार्यक्रम का उद्देश्य नकदी की कमी से जूझ रहे देश में व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करना है. साथ ही ऐसे देशों के समावेशी और लचीले विकास को बढ़ावा देना है. एसबीए आईएमएफ और विश्व बैंक कार्यक्रमों का एक उप-समूह है जिसका उद्देश्य एस्ट्रकचरल एडजस्टमेंट है.
9.8 करोड़ पाकिस्तानी गरीबी रेखा के नीचे
इससे दो माह पहले पाकिस्तान के ग्रोथ आउटलुक पर अपनी छमाही रिपोर्ट में विश्व बैंक ने कहा था कि इस देश की आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है. अगले एक साल में एक करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा के नीचे जा सकते है. रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान लगातार तीन साल तक घाटे में रह सकता है. पाकिस्तान में करीब 9.8 करोड़ पहले से ही गरीबी रेखा के नीचे हैं. गरीबी की दर लगभग 40 प्रतिशत पर बनी हुई है, ऐसे में आईएमएफ के इस ऋण से पारकिस्तान को राहत भरी सांस मिली है.