भारत का चिनाब रेल ब्रिज क्यों खास है, और चीन-पाकिस्तान इससे क्यों सतर्क हैं? जानिए विस्तार से:
चिनाब रेल ब्रिज सिर्फ एक पुल नहीं, बल्कि भारत की इंजीनियरिंग क्षमता, रणनीतिक दृष्टि और सुरक्षा मजबूती का प्रतीक है। यह पुल जम्मू-कश्मीर की चिनाब नदी पर बना है और इसे दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज माना जाता है। इसकी ऊंचाई 359 मीटर है, जो एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा और कुतुब मीनार से करीब 287 मीटर ऊंचा है। यह पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसकी कुल लंबाई 272 किमी है और चिनाब ब्रिज की लंबाई 1315 मीटर है।
विशेषताएं जो इसे खास बनाती हैं:
- भूकंपीय जोन-5 में स्थित होते हुए भी यह 8 रिक्टर तीव्रता के भूकंप को झेल सकता है।
- 266 किमी प्रति घंटे तक की हवा की गति का सामना करने में सक्षम है।
- पुल का निर्माण 1486 करोड़ रुपये में हुआ है और इसकी अनुमानित आयु 125 वर्ष है।
- जून 2024 में पहला ट्रायल सफल रहा, और जनवरी 2025 में वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल हुआ।
सामरिक दृष्टि से क्यों महत्वपूर्ण?
पहले बर्फबारी के समय कश्मीर भारत से कट जाता था, जिससे सेना की आवाजाही बाधित होती थी। अब यह पुल हर मौसम में कश्मीर को देश से जोड़ देगा। इससे कटरा से श्रीनगर का सफर तीन घंटे कम हो जाएगा। यह उधमपुर में भारतीय सेना की उत्तरी कमान को सीधे श्रीनगर से जोड़ता है। यही नहीं, यह लद्दाख तक सेना की पहुंच भी तेज और सुनिश्चित बनाएगा — जो चीन से लगती एलएसी (LAC) के लिए अहम है।
चीन और पाकिस्तान क्यों सतर्क?
- चीन-पाकिस्तान की रणनीतिक जुगलबंदी को यह ब्रिज चुनौती देता है।
- नवंबर 2024 में रिपोर्ट्स आईं कि चीन ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के जरिए पुल की जासूसी की कोशिश की।
- पाकिस्तानी मीडिया जैसे डॉन ने लिखा कि यह पुल लद्दाख जैसे क्षेत्रों में सेना की रसद व्यवस्था में क्रांति ला सकता है।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार:
“यह पुल चीन की सीमा से लगे भारत के बर्फीले क्षेत्र लद्दाख में रसद में क्रांति लाएगा। भारत और चीन दक्षिण एशिया में रणनीतिक प्रभाव के लिए कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं… यह रेलमार्ग भारतीय सेना की उत्तरी कमान, उधमपुर से शुरू होकर श्रीनगर तक जाता है।”
निष्कर्ष:
चिनाब रेल ब्रिज इंजीनियरिंग का चमत्कार ही नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक तैयारी का संदेश भी है — LOС से लेकर LAC तक भारत अब हर मौसम में तैयार है। यही बात चीन और पाकिस्तान को बेचैन कर रही है।