बांंग्लादेश में शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से उथल-पुथल जारी है। प्रदर्शनकारियों की तरफ से हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। इस हिंसा में खासकर हिंदुओं को टागरेट किया जा रहा है। पूर्व एससीबीए अध्यक्ष ने हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेशी बार प्रमुख को पत्र लिखा।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के निवर्तमान अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने बांग्लादेश में टॉप अदालत बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महबूबुद्दीन खोकोन से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि पड़ोसी देश में उथल-पुथल के बीच जानबूझकर हिंदुओं को निशाना नहीं बनाया जाए।
क्या है सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की अपील?
उनकी अपील बांग्लादेश में अशांति के दौरान धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और उनके खिलाफ लक्षित हिंसा को रोकने की आवश्यकता पर जोर देती है।
उन्होंने मानवाधिकारों की रक्षा में कानूनी पेशे की भूमिका पर जोर दिया और पड़ोसी देश में हिंदुओं के खिलाफ कथित हिंसा पर चिंता व्यक्त की, बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन से उत्पीड़न से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
शेख हसीना और उनकी बहन की गिरफ्तारी का भी जिक्र
बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने हाल की उन रिपोर्टों का भी जिक्र किया जिसमें भारत से पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना को गिरफ्तार करने का आग्रह किया गया था।
उन्होंने बताया कि 28 जनवरी, 2013 को हस्ताक्षरित और 23 अक्टूबर, 2013 को अनुसमर्थित ‘प्रत्यर्पण से संबंधित भारत और बांग्लादेश के बीच संधि’ के तहत, प्रत्यर्पण के लिए आवश्यक है कि व्यक्तियों पर प्रत्यर्पणीय अपराध का आरोप लगाया जाए या उन्हें दोषी पाया जाए।
भारत और बांग्लादेश के संबंधों पर भी हुई बात
आदिश अग्रवाल ने भारत और बांग्लादेश के कानूनी समुदायों के बीच मजबूत सहयोगात्मक संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय बार के प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने में अपनी भूमिका पर भी प्रकाश डाला और विभिन्न अवसरों पर बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन से मिली मान्यता के लिए सराहना व्यक्त की।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने उल्लेख किया कि बांग्लादेश के कई पूर्व मुख्य न्यायाधीशों ने लंदन और नई दिल्ली में भारतीय कानूनी समुदाय द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है।