गणेश चतुर्थी पर गुजरात के 3 अलग-अलग शहरों से साम्प्रदायिक तनाव की खबरें आईं हैं। यहाँ सूरत और कच्छ जिलों में पंडालों पर पत्थरबाजी की गई है। इन हमलों में मूर्तियों को नुकसान पहुँचा है। भरूच जिले में भी दोनों समुदायों के बीच तनातनी की खबर है। यहाँ हिन्दुओं के घरों पर इस्लामी झंडा लगाया गया है। पुलिस ने इन सभी मामलों में केस दर्ज कर के जाँच शुरू कर दी है। अब तक दर्जनों आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।
पहला मामला सूरत जिले का है। यहाँ के वरियाली बाजार में एक गणेश पंडाल पर पत्थरबाजी हुई है। बताया जा रहा है कि इस पथराव में मुस्लिम समुदाय के नाबालिग बच्चे भी शामिल थे। पंडाल में पानी के पाउच भी फेंके गए थे। हमलावर रिक्शे में आए थे जिन्होंने पंडाल पर पथराव किया। इस हरकत के बाद क्षेत्र में तनाव फ़ैल गया। हजारों हिन्दू सकड़ों पर आ गए। हालात काबू करने के लिए पुलिस बल पहुँचा। आरोप है कि मुस्लिम बहुल इलाकों से पुलिस और हिन्दुओं पर पत्थरबाजी की गई थी।
हमले के लिए नाबालिगों का गिरोह
इस हमले का मास्टरमाइंड भी मुस्लिम समुदाय का एक नाबालिग बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि गणेश प्रतिमाओं पर पत्थर और पानी फेंकने की ट्रेनिंग उसे एक मदरसे में 3 महीने से मिल रही थी। उसने अपने साथ 6 अन्य नाबालिगों को इकट्ठा कर के गिरोह बनाया था। इस गिरोह ने 10 प्रतिमाओं पर पत्थरबाजी की साजिश रची। पहले टारगेट के तौर पर ‘वरियाली च राजा’ की गणेश प्रतिमा को चुना गया था।
पहले इस साजिश को शनिवार (7 सितंबर) को अंजाम देने की कोशिश हुई। हालाँकि उस दिन मौका नहीं मिला तो अगले दिन रविवार को यह हरकत की गई। नाबालिगों के इस गिरोह ने 6 सितंबर को ही सैदयपुरा में एक गणेश पंडाल पर पानी के पाउच फेंके थे जिसे श्रद्धालुओं ने नजरअंदाज कर दिया था। हालाँकि पुलिस उन रिक्शों के मालिकों और चालकों की भी भूमिका जाँच रही है जिसमें बैठ कर ये आरोपित घटना को अंजाम दे रहे थे। वह मदरसा भी पुलिस की रडार पर है जहाँ नाबालिग को पथराव की ट्रेनिंग दी गई थी।
लगाए गए अल्लाह हु अकबर के नारे
अब तक की जाँच में इस हमले के पीछे किसी सगीर का नाम सामने आया है। पथराव से पहले सगीर के साथ मौजूद नाबालिग मुस्लिम बच्चों को मस्जिदों से खाने-पीने का सामान दिया गया था। पथराव के समय नाबालिग आरोपित ‘अल्लाह-हू-अकबर’ के नारे लगा रहे थे। पुलिस ने केस दर्ज कर के अब तक कुल 27 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों में कई नाबालिग भी हैं जिनकी उम्र 12 से 13 साल के बीच बताई जा रही है।
गणेश प्रतिमा पर ये नाबालिग हमला कर के भाग रहे थे कि श्रद्धालुओं ने इन्हे पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया। नाराज हिन्दू थाने पर जमा हो कर आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की माँग कर रहे थे। इसी दौरान मुस्लिम भीड़ पत्थरबाजों के समर्थन में आ गई। दोनों पक्षों में भिड़ंत जैसे हालत बन गए। पुलिस ने हालात संभालने के लिए आँसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया।पुलिस हालात को संभाल ही रही थी कि मुस्लिम भीड़ ने उन पर भी पत्थरबाजी शुरू कर दी। यह पथराव एक मस्जिद के पास बने 4 घरों से हुआ था।
पुलिस वालों तक की हत्या की साजिश
हमलावर भीड़ की पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। घायलों में DCP भी शामिल हैं। माना जा रहा है कि मस्जिद के पास मौजूद घरों पर पूरी तैयारी के साथ पत्थर रखे गए थे। जब पुलिस ने पत्थरबाजों को पकड़ने के लिए कॉम्बिंग शुरू की तो मुस्लिमों के 27 घरों में एक साथ अँधेरा कर दिया गया। बताया जा रहा है कि पत्थरबाजों को भी सोची-समझी साजिश के तहत भगा दिया गया था। जिस सैयदपुरा क्षेत्र से पत्थरबाजी की गई थी उधर बुलडोजरों को भेजा गया है। सैयदपुरा के कुछ मुस्लिम नेताओं से भी पुलिस ने पूछताछ की है।
पुलिस की जाँच में यह भी पता चला है कि नाबालिग हमलावरों को ट्रेनिंग दी गई थी कि वो पुलिस वालों के सिर पर वार करेंगे तो उनकी मौत हो जाएगी। इस मामले में पुलिस ने 2 अलग-अलग FIR दर्ज की है। पहला केस गणेश प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने की कोशिश करने वाले नाबालिगों पर दर्ज हुआ है। वहीं दूसरी FIR पत्थरबाजी करने वालों के खिलाफ दर्ज हुई है। यह FIR हत्या के प्रयास, बलवा, तोड़फोड़ और अन्य धाराओं में दर्ज हुई है।
सूरत की इस घटना में अब तक कुल 26 आरोपितों के नाम सामने आए हैं। इसमें से कईयों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुख्य आरोपित की 2 दिनों की कस्टडी रिमांड भी कोर्ट ने मंजूर कर दी है। घटना में सभी आरोपित मुस्लिम समुदाय से हैं। जिस पंडाल को कट्टरपंथियों ने निशाना बनाया था वहाँ गुजरात के गृह राजयमंत्री हर्ष संघवी भी पहुँचे। यहाँ उन्होंने गणपति की आरती की और एलान किया था कि धरती पर सूरज की पहली किरण पड़ने से पहले आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। गुजरात पुलिस ने गृह राजयमंत्री के इस संकल्प को पूरा भी किया था।
कच्छ में भी गणेश पंडाल पर पथराव
सूरत की ही तरह कच्छ में भी गणेश पंडाल पर पत्थरबाजी की गई है। यहाँ भी पथराव के लिए मुस्लिम समुदाय के नाबालिग लड़कों का इस्तेमाल किया गया है। इस पथराव से भगवान गणेश की मूर्ति टूट गई। पंडाल के पास ही एक हिन्दू मंदिर पर हरे रंग का इस्लामिक झंडा भी लगा दिया गया था। इस घटना के बाद हालत तनावपूर्ण हो गए। पुलिस ने केस दर्ज कर के 7 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।
यह घटना कच्छ के नखत्राणा के कोटा क्षेत्र की है। यहाँ के गाँव जारोदर में हिन्दू समुदाय के लोगों ने पंडाल में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की है। 10 सितंबर 2024 (मंगलवार) को शेयर किए गए वीडियो में आरोप लगाया गया है कि इस पंडाल पर मुस्लिम भीड़ ने पत्थरबाजी की है। इस पत्थरबाजी से गणेश प्रतिमा की नाक टूट गई है। हमलावरों ने पंडाल के ही पास एक हिन्दू मंदिर में इस्लामिक झंडा भी गाड़ दिया। इस घटना के बाद आसपास तनाव फ़ैल गया।
लोगों ने पुलिस पर भी कार्रवाई में ढिलाई करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने केस दर्ज कर के अब तक 7 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपितों के नाम मौलाना गुलाम हुसैन जाफर, आसिफ सुमरा पढियार, साहिल रमजान और हनीफ जुसन हैं। गिरफ्तार हुए 3 अन्य आरोपित नाबालिग हैं। कच्छ-पूर्व जिला के पुलिस प्रमुख सागर बागमार ने मीडिया से बताया कि अब गांव में शांति है और मामले की जाँच व अन्य जरूरी कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
भरूच में भी साम्प्रदायिक तनाव
गणेश चतुर्थी के पर्व पर कट्टरपंथियों ने गुजरात के ही भरूच जिले में भी हंगामा किया है। यहां मज़हबी झंडा लगाने के मामले को ले कर हिन्दू और मुस्लिम पक्ष आमने-सामने आ गए। इस घटना की वजह से शहर में तनाव फ़ैल गया। घटना 10 सितंबर (मंगलवार) की है। पुलिस ने मौके पर पहुँच कर हालात को संभाला। प्रभावित इलाकों में फ़ोर्स तैनात कर दी गई है।
यह घटना भरूच जिले के गोकुलनगर क्षेत्र की है। यहाँ मिश्रित आबादी है। गणेश चतुर्थी के पर्व के मौके हिन्दू समुदाय के लोग अपने धार्मिक झंडे लगा रहे थे। इसी दौरान मुस्लिम पक्ष के लोगों ने अपनी आने वाली ईद की बात कह कर अपने इस्लामी झंडे और तोरण लगाने शुरू कर दिए। हिन्दुओं ने अपने घरों के पास तोरण न लगाने की अपील की लेकिन इसका मुस्लिम पक्ष पर कोई असर नहीं पड़ा और तोरण लगाना जारी रहा। इसी बात पर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए।
बताया जा रहा है कि थोड़ी देर की बहस के बाद दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हो गई। विवाद में 2 लोग घायल हो गए हैं। इस विवाद की सूचना मिलते ही फ़ौरन ही पुलिस मौके पर पहुँची। पुलिस को देखते ही उपद्रवी छिपने लगे। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर किया। इलाके में फ़ोर्स लगा दी गई है। पुलिस ने केस दर्ज कर के पूरे मामले की जाँच भी शुरू कर दी है। एसपी मयूरसिह के मुताबिक CCTV फुटेज व अन्य सबूत जुटाए जा रहे हैं। उन्होंने आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया है।