प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग की दो प्रमुख योजनाओं को 2025-2026 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है। इन योजनाओं को एकीकृत करके ‘जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान नवाचार और उद्यमिता विकास (बायो-राइड)’ योजना के तहत समन्वित किया गया है। इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए 9197 करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित किया गया है, जो देश के जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नवाचार, उद्यमिता और विनिर्माण को बढ़ावा देगा।
‘बायो-राइड’ योजना: तीन प्रमुख योजनाओं का समन्वय
‘बायो-राइड’ योजना के तहत तीन प्रमुख योजनाओं को समन्वित किया गया है:
- जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान और विकास (आर एंड डी): अनुसंधान और विकास को समर्थन देने के लिए।
- औद्योगिक और उद्यमिता विकास (आई एंड ईडी): औद्योगिक विकास और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए
- बायोमैन्युफैक्चरिंग और बायोफाउंड्री: जैव विनिर्माण और स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए। योजना के प्रमुख लाभ: इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत को जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनाना है। यह स्वास्थ्य, कृषि, पर्यावरणीय स्थिरता और स्वच्छ ऊर्जा जैसी राष्ट्रीय और वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सहायक होगी।
- बायो-उद्यमिता को बढ़ावा: स्टार्टअप्स को बीज पूंजी, इंक्यूबेशन सहायता और मेंटरशिप प्रदान की जाएगी।
- नवाचार को बढ़ावा: अनुसंधान और विकास में अनुदान और प्रोत्साहन प्रदान किए जाएंगे।
- उद्योग-शिक्षा सहयोग: शैक्षणिक संस्थानों और उद्योगों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- सतत बायोमैन्युफैक्चरिंग: पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को अपनाया जाएगा।
- मानव संसाधन विकास: छात्रों और युवा शोधकर्ताओं के समग्र विकास के लिए कार्यक्रम चलाए जाएंगे‘लाइफस्टाइल फॉर द एनवायरनमेंट’ पहल के अनुरूप
भारत सरकार ने ‘बायो-राइड’ योजना के अंतर्गत बायोमैन्युफैक्चरिंग और बायोफाउंड्री पर एक नया घटक शुरू किया है। यह पहल प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई ‘लाइफस्टाइल फॉर द एनवायरनमेंट (LiFE)’ के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए हरित समाधान अपनाना है। इस योजना का लक्ष्य स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देना और जैविक अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाना है।
भारत के ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा
यह योजना भारत को 2030 तक 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर की जैव अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। ‘बायो-राइड’ योजना न केवल जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता, रोजगार के अवसर और नए स्टार्टअप्स को भी बढ़ावा देगी। यह योजना भारत के ‘विकसित भारत 2047’ के दृष्टिकोण को साकार करने में अहम योगदान देगी।