केरल के कासरगोड में हुई इस घटना ने काले जादू और अंधविश्वास से जुड़े अपराधों की गंभीरता को उजागर किया है। 13 अप्रैल 2024 को NRI व्यापारी गफूर की हत्या को शुरुआत में एक प्राकृतिक मौत समझा गया, लेकिन 20 महीने बाद पुलिस ने यह खुलासा किया कि यह हत्या 4 किलो सोने की चोरी के लिए की गई थी।
घटना का विवरण:
- मृतक की पहचान:
- गफूर, एक NRI व्यापारी, जिनके UAE में 4 सुपरमार्केट थे।
- घटना के समय रमजान का महीना था, जिससे परिजनों ने मृत्यु को प्राकृतिक समझा और गफूर को दफना दिया।
- शक की शुरुआत:
- गफूर के परिजनों को उनकी मृत्यु के बाद घर में रखे सोने की चोरी का शक हुआ।
- चोरी का शक गाँव की महिला शमीमा पर जताया गया, जो खुद को “जिन्न” बताती थी और काले जादू के नाम पर लोगों को ठगती थी।
- पुलिस जांच और पोस्टमार्टम:
- परिवार की शिकायत के बाद पुलिस ने गफूर के शव को कब्र से निकलवाया और पोस्टमार्टम कराया।
- पोस्टमार्टम में उनके कान के पीछे चोट के निशान मिले, जिससे यह पुष्टि हुई कि उनकी हत्या की गई थी।
- गिरफ्तारी:
- पुलिस ने शमीमा समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया।
- शमीमा का गैंग काले जादू के नाम पर लोगों को ठगने और लूटने में शामिल था।
इस अपराध का सामाजिक संदर्भ:
- अंधविश्वास और काला जादू:
यह घटना दिखाती है कि आधुनिक समाज में भी लोग काले जादू और अंधविश्वास जैसे झूठे दावों में फंस जाते हैं, जिससे न केवल आर्थिक बल्कि जान का भी नुकसान हो सकता है। - प्रभावित परिवार:
गफूर के परिवार ने शुरुआत में शक न करते हुए इसे प्राकृतिक मौत माना, लेकिन चोरी के बाद स्थिति स्पष्ट होने लगी।
पुलिस और समाज के लिए सबक:
- अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता:
इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए काले जादू और झूठे दावों के खिलाफ व्यापक जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। - जांच की भूमिका:
20 महीने के बाद पुलिस का मामले को सुलझाना प्रशंसा के योग्य है, लेकिन शुरूआती जांच में सतर्कता अधिक होनी चाहिए थी। - कानून का सख्त पालन:
अंधविश्वास से जुड़े अपराधों को रोकने के लिए कड़े कानून और उनके प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता है।
इसके लगभग एक वर्ष बाद एक पुलिस अफसर ने इस मामले में गंभीरता से जाँच चालू की। पुलिस ने शमीमा और उसके गैंग के बारे में पता किया। पुलिस को मालूम हुआ कि शमीमा गैंग ने कासरगोड के अलग-अलग हिस्सों में सोना बेचा था। उन्होंने गफूर और शमीमा की व्हाट्सएप चैट भी देखी।
इसमें पता चला कि गफूर ने शमीमा को ₹10 लाख और सोना दोनों दिए थे। इसके बाद पुलिस ने और भी जाँच की तो पता चला कि शमीमा ने गफूर को उसका सोना दोगुना करने का लालच दिया था। शमीमा ने बताया था कि वह काले जादू से ऐसा कर सकती है।
गफूर ने उसको सभी परिजनों से सोना माँग कर दे दिया था। इसके बाद जब गफूर ने अपना सोना वापस माँगा तो शमीमा ने उसकी हत्या करने की ठान ली। शमीमा ने अपने गैंग के उबैस, असनीफा और आयशा के साथ मिलकर एक रात को काला जादू करने का ढोंग किया और दीवाल में सर लड़ा कर गफूर की हत्या कर दी।
शमीमा इसके बाद सुबह उनके घर भी मौजूद रही। पुलिस ने अब इन चारों को हत्या और सबूत मिटाने समेत बाकी मामले का मुकदमा दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया है। यह पहले भी कुछ अपराधों में पकड़ी जा चुकी है। शमीमा से उसके गाँव के लोग भी काफी डरते हैं।