बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और अत्याचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जो वहां अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा और अधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। सुदेब हल्दर की हत्या और कॉक्स बाजार में एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार जैसे हालिया मामलों ने न केवल सामाजिक और धार्मिक असहिष्णुता को उजागर किया है, बल्कि बांग्लादेश सरकार और प्रशासन की निष्क्रियता को भी स्पष्ट किया है।
सुदेब हल्दर की हत्या:
- घटना का विवरण:
- सुदेब हल्दर, एक 28 वर्षीय हिंदू युवक, मोबाइल रिपेयर की दुकान चलाता था।
- 6 जनवरी, 2025 को दुकान बंद कर घर लौटते समय उसकी गला रेतकर हत्या कर दी गई।
- उसका शव 7 जनवरी को घर से 1 किमी दूर क्षत-विक्षत अवस्था में मिला।
- संदेह और प्रतिक्रियाएँ:
- पुलिस का प्रारंभिक बयान इसे हत्या मानता है, लेकिन अभी तक कोई ठोस निष्कर्ष सामने नहीं आया है।
- एक्टिविस्ट्स का दावा है कि यह हत्या धार्मिक असहिष्णुता के कारण हुई, और सुदेब को केवल हिंदू होने के कारण मारा गया।
- परिवार और समाज की प्रतिक्रिया:
- सुदेब के पिता और परिवार ने कहा कि उनकी किसी से दुश्मनी नहीं थी।
- बंगबंधु प्रकाशोली परिषद और अन्य संगठनों ने इसे हिंदुओं को डराने की सोची-समझी साजिश बताया है।
कॉक्स बाजार में सामूहिक बलात्कार:
- घटना का विवरण:
- 8-10 लोगों ने एक हिंदू नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया।
- बलात्कार के आरोपी कथित तौर पर जमात-ए-इस्लामी से जुड़े हुए थे।
- लड़की को घटना के बाद सड़क पर छोड़ दिया गया।
- समाज पर प्रभाव:
- ऐसी घटनाएं बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के प्रति बढ़ती हिंसा और असुरक्षा को दर्शाती हैं।
- बलात्कार की घटना ने महिलाओं की सुरक्षा और अल्पसंख्यक अधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का सवाल:
- बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक:
- हिंदू समुदाय, जो कभी बांग्लादेश की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा था, अब तेजी से घटकर केवल 8-10% तक सिमट गया है।
- बढ़ते अत्याचार और धार्मिक उत्पीड़न के कारण बड़ी संख्या में हिंदू पलायन करने को मजबूर हुए हैं।
- सरकार की निष्क्रियता:
- बांग्लादेश सरकार और प्रशासन की ओर से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में बार-बार विफलता देखी गई है।
- सुदेब हल्दर की हत्या और बलात्कार के मामलों में अभी तक कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है, जो न्याय और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और भारत की भूमिका:
- भारत का रुख:
- भारत को इस मुद्दे को द्विपक्षीय वार्ता और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की आवश्यकता है।
- विदेश मंत्री एस. जयशंकर की आगामी अमेरिका यात्रा या अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न के मुद्दे को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया जा सकता है।
- अंतरराष्ट्रीय संगठनों का हस्तक्षेप:
- मानवाधिकार संगठनों को बांग्लादेश में अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा के लिए दबाव बनाना चाहिए।
- संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की निगरानी और कार्रवाई की मांग होनी चाहिए।
कॉक्स बाजार में नाबालिग से गैंगरेप
बांग्लादेश के कॉक्स बाजार जिले के चकरिया इलाके में 8-10 लोगों ने एक 14 वर्ष की लड़की से गैंगरेप किया। यह घटना रविवार (5 जनवरी, 2025) को हुई। पीड़िता ने भद्रकाली इलाके से एक ऑटोरिक्शा लिया था। हालाँकिम रिक्शा वाले ने उसे रास्ते में उतार दिया। यहाँ से वह वापस आ रही थी तभी उसको दो लोगों ने चाकू की नोक पर अगवा कर लिया और सूनसान इलाके में ले जाकर उसका रेप किया। इसके बाद 6 और लोग इस काम में शामिल हो गए। इसके बाद उन्होंने नाबालिग को लहुलुहान सड़क किनारे छोड़ दिया।
#Bangladesh : In Cox's Bazar's Chakaria, a minor girl was gang-raped by 8-10 Muslim men from Jamaat-e-Islami in broad daylight and left on the street. Her identity is still unknown. She has been hospitalized due to excessive bleeding. pic.twitter.com/FBjXuz7zvW
— Voice of Bangladeshi Hindus 🇧🇩 (@VHindus71) January 6, 2025
गैंगरेप करने वाले इसके बाद अलग-अलग जगह भाग गए। मामले में स्थानीय लोगों ने जब प्रदर्शन किया तो पुलिस ने कार्रवाई चालू की। स्थानीयों ने कॉक्स बाजार में रोड जाम, घेराव और मार्च का आयोजन किया। उन्होंने ही रेप एक आरोपितों को पहचानने में पुलिस की मदद की। पुलिस ने इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान सामने नहीं रखी गई है। पुलिस ने कहा है कि अब उन्हें जेल भेज दिया गया है। आरोपितों के इस्लामी कट्टरपंथी संगठन जमात- ए-इस्लामी से जुड़े होने की भी बात कही गई है।
इससे पहले बांग्लादेश के नरैल में 52 साल की हिंदू महिला बसना मलिक की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई थी। बसना के साथ गैंग रेप किया गया था। पीड़ित परिवार के लोगों ने बताया था कि बसना मलिक 24 दिसंबर की रात को करीब 8 बजे घर लौटी थी। इसके बाद से उसे लगातार उल्टियाँ हो रही थीं। उस रात वह खाना खाने के बाद परिवार से कुछ कहे बिना ही सो गई। अगले दिन 25 दिसंबर की सुबह महिला की हालत बिगड़ गई। उसे जेसोर जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहाँ 26 दिसंबर की रात को उसकी मौत हो गई।