बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना, जिन्होंने 5 अगस्त को तख्तापलट के बाद देश छोड़ दिया था, फिलहाल भारत में शरण लिए हुए हैं। भारत सरकार ने उनके वीजा की अवधि बढ़ा दी है, जिससे उनके भारत प्रवास को लेकर तत्काल कोई समस्या नहीं है।
तख्तापलट और शेख हसीना का भारत आगमन:
- 5 अगस्त को बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया और भारत में शरण ली।
- वह हिंडन एयरबेस पहुंची थीं, जहां से उन्हें दिल्ली के एक सेफहाउस में स्थानांतरित किया गया।
- उनके साथ 97 अन्य लोग भी बांग्लादेश से भागे थे, जिनमें से 22 पर कथित अपहरण और 75 पर पिछले साल छात्र विरोधी आंदोलनों के दौरान हत्या के आरोप हैं।
भारत में शेख हसीना की स्थिति:
- भारत सरकार ने उनके वीजा की अवधि बढ़ा दी है।
- भारत में शरणार्थी कानून नहीं होने के कारण शेख हसीना को कोई आधिकारिक शरणार्थी दर्जा नहीं दिया गया है।
- उनकी सुरक्षा को देखते हुए उन्हें एक सुरक्षित स्थान पर रखा गया है।
बांग्लादेश सरकार की प्रतिक्रिया:
- तख्तापलट के बाद मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुखिया बनाया गया है।
- मोहम्मद यूनुस ने 23 दिसंबर को भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया।
- बांग्लादेश सरकार ने शेख हसीना और अन्य 97 लोगों के पासपोर्ट रद्द कर दिए हैं।
- शेख हसीना पर बांग्लादेश में कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और उनके खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अदालत में भी मामले चल रहे हैं।
पिछले चुनाव और शेख हसीना का कार्यकाल:
- जनवरी 2024 के चुनाव में शेख हसीना की पार्टी, आवामी लीग, ने 300 में से 224 सीटें जीतकर बड़ी जीत दर्ज की थी।
- 2009 से प्रधानमंत्री पद पर रहीं शेख हसीना बांग्लादेश की सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाली महिला प्रधानमंत्री हैं।
भारत और बांग्लादेश के संबंध:
शेख हसीना का भारत में रहना दोनों देशों के संबंधों के लिए संवेदनशील मुद्दा बन गया है। भारत, बांग्लादेश की आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप न करने की नीति पर काम कर रहा है, लेकिन शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने की मांग ने राजनीतिक और कूटनीतिक चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।