केरल के पथानमथिट्टा जिले में दलित एथलीट के 5 साल तक लगातार रेप-गैंगरेप के मामले में चौंकाने वाले खुलासे होते जा रहे हैं। अब सामने आया है कि 13 साल की आयु से निशाना बनाई गई पीड़िता के यौन शोषण की शुरुआत उसके पड़ोसी और बचपन के दोस्त ने ही की थी। इसके बाद उसने और लोगों को भी इसमें शामिल किया और बलात्कारियों की संख्या बढ़ती चली गई। बच्ची का रेप करने वालों में ड्राइवर, मजदूर, मछुआरे और उसके कई पड़ोसी तक शामिल थे।
बचपन के दोस्त ने ही चालू किया यौन शोषण
एक रिपोर्ट के अनुसार, दलित बच्ची का 13 वर्ष की उम्र में यौन शोषण उसके पड़ोस में रहने वाले सुबिन ने चालू किया। सुबिन पीड़िता से 6-7 वर्ष बड़ा है और दोनों के घर आसपास ही हैं। उसने यौन शोषण के बाद पीड़िता के फोटो और वीडियो भी ले लिए। इसके बाद उसने इन फोटो और वीडियो का इस्तेमाल अपने करके अपने दोस्त से भी पीड़िता का रेप करवाया। इसके बाद उसके शोषण चालू हो गया। सुबिन के इस दोस्त ने 2 और दोस्तों से पीड़िता का रेप करवाया।
उसके फोटो और वीडियो इसके बाद अलग-अलग लोगों को दिए जाते रहे। उसका यौन शोषण करने वालों की संख्या बढ़ती रही। उसका रेप करने वालों में ड्राइवर, मछुआरे और मजदूर तक रहे। उसका रेप करने वालों में उसके कॉलेज और स्कूल के पाँच छात्र भी थे। इस मामले में जिन लोगों को आरोपित बनाया गया है, उनमें 4 नाबालिग हैं। इसके अलावा उसका रेप करने वाले 2 और लोग घटना के समय नाबालिग थे। 1 आरोपित तिरुवनंतपुरम का है, जो कि 100 किलोमीटर दूर का रहने वाला है।
इसके अलावा 2 आरोपित देश से बाहर हैं। अधिकांश आरोपित उसकी ही बस्ती के रहने वाले हैं। इस बस्ती में अधिकांश घर दलितों के हैं। यहाँ से शादीशुदा लोग भी उठाए गए हैं। बस्ती के लोग पीड़िता और आरोपितों, दोनों को जानते हैं। कई आरोपित उससे 10 साल से ज्यादा बड़े हैं। दो मौकों पर उसका गैंगरेप भी हुआ, जिसमें कई लोग जुड़े हुए थे। आरोपितों ने बस और अस्पताल समेत अलग-अलग जगह पर उसे बुलाया और यौन शोषण किया।
पिता के फोन पर मैसेज करता था सुबिन
आरोपित पीड़िता के पिता के स्मार्टफोन पर मैसेज करता था। इसी में वह बताता था कि रेप करने वालों से कहाँ मिलना है। वह पीड़िता की फोटो भी माँगा करता था। पीड़िता के पिता को फोन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। ऐसे में उन्हें लगता था कि किसी और काम के लिए बेटी फोन का इस्तेमाल करती है। वह शराब के नशे में भी रहते थे।
रिपोर्ट में यह बताया गया है कि पीड़िता के माता-पिता दोनों ही मजदूर हैं। जब पीड़िता कई दिनों के लिए घर से बाहर होती थी तो उसके परिजन सोचते थे कि वह खेल के सिलसिले में गई है। पीड़िता के एथलीट है और लगातार कई सालों से इस सक्रिय है।
29 FIR हो चुकीं, 44 हुए गिरफ्तार
इस मामले में पुलिस ने 29 FIR दर्ज की हैं। इनमें रेप और गैंगरेप की FIR हैं। पुलिस अब तक 44 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी हैं। पुलिस को उसने कुछ समय लेकर इन 58 आरोपितों के नाम, आयु और उन्होंने कैसे उसका रेप कहाँ किया बताया है। पुलिस ने 40 लोगों का नम्बर पीड़िता के पिता के फोन से ही निकाल लिया था। बाकी गिरफ्तारी के लिए अभी प्रयास चल रहा है। तब तक पीड़िता को एक संरक्षण गृह में रखा गया है। यहाँ उसकी पढ़ाई के लिए इंतजाम किया गया है।
इस मामले की जाँच के लिए एक विशेष जाँच दल (SIT) का गठन किया गया है। इस टीम का नेतृत्व डिप्टी एसपी पी एस नंदकुमार कर रहे हैं, जबकि जाँच की निगरानी खुद डीआईजी एस अजीता बेगम कर रही हैं। डीआईजी अजीता बेगम ने कहा, “सबरीमला यात्रा खत्म होने के बाद इस टीम में और अधिक अधिकारियों को शामिल किया जाएगा।”