केंद्र सरकार ने आर्थिक समस्याओं से जूझ रही राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) को एक नया जीवन प्रदान करने के लिए 11,440 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार (रिवाइवल) पैकेज को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
पुनरुद्धार योजना के मुख्य बिंदु:
- शेयर पूंजी के रूप में निवेश:
- ₹10,300 करोड़ रुपये आरआईएनएल में शेयर पूंजी के रूप में निवेश किए जाएंगे।
- कार्यशील पूंजी ऋण का पुनर्गठन:
- ₹1,140 करोड़ रुपये के कार्यशील पूंजी ऋण को 7% नॉन-कुमुलेटिव प्रेफरेंस शेयर पूंजी में परिवर्तित किया जाएगा।
- यह पूंजी 10 साल बाद भुनाई जा सकेगी।
आरआईएनएल की समस्याओं का समाधान:
सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस रिवाइवल पैकेज से आरआईएनएल की कई पुरानी समस्याएं हल हो जाएंगी।
- कार्यशील पूंजी की कमी:
- कंपनी को परिचालन सुचारू रूप से चलाने और ब्लास्ट फर्नेस को पुनः शुरू करने में मदद मिलेगी।
- पूर्ण उत्पादन क्षमता तक पहुंचने का लक्ष्य:
- आरआईएनएल अपनी पूर्ण उत्पादन क्षमता तक पहुंचने की दिशा में धीरे-धीरे प्रगति करेगी।
- इससे भारतीय इस्पात बाजार में स्थिरता आएगी।
रिवाइवल योजना का क्रियान्वयन:
- जनवरी 2025 तक दो ब्लास्ट फर्नेस और अगस्त 2025 तक तीन ब्लास्ट फर्नेस के साथ उत्पादन पूरी क्षमता पर शुरू किया जाएगा।
- यह योजना राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड की विशाखापत्तनम स्थित स्टील प्लांट (वीएसपी) के संचालन और उसके कर्मचारियों की आजीविका के लिए महत्वपूर्ण है।
महत्वपूर्ण भूमिका:
- राष्ट्रीय हित:
- इस योजना का उद्देश्य भारतीय इस्पात बाजार में स्थिरता लाना और इस क्षेत्र में आजीविका पर निर्भर लोगों को सहायता प्रदान करना है।
- आंध्र प्रदेश का एकमात्र स्टील प्लांट:
- विशाखापत्तनम स्टील प्लांट आंध्र प्रदेश का एकमात्र अपतटीय इस्पात संयंत्र है। इस रिवाइवल योजना से संयंत्र के संचालन में निरंतरता सुनिश्चित होगी।
समाज और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव:
- कर्मचारियों और अनुबंधित श्रमिकों की आजीविका:
- इस योजना से नियमित और अनुबंधित कर्मचारियों की आजीविका को बचाने में मदद मिलेगी।
- भारतीय इस्पात बाजार में योगदान:
- पुनरुद्धार के बाद आरआईएनएल भारतीय इस्पात उत्पादन में बड़ा योगदान देगा।
यह कदम भारत के ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन को समर्थन प्रदान करेगा और इस्पात उद्योग को सशक्त बनाएगा।