हलवा सेरेमनी भारत के आम बजट से जुड़ी एक खास और ऐतिहासिक परंपरा है, जो बजट तैयार करने और उसकी छपाई प्रक्रिया के शुरू होने के अवसर पर मनाई जाती है। यह आयोजन वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक उत्सव जैसा होता है।
क्या है हलवा सेरेमनी?
- हलवा सेरेमनी बजट दस्तावेजीकरण के पूरा होने के बाद नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट स्थित बजट प्रेस में आयोजित की जाती है।
- इस दौरान एक बड़ी कढ़ाही में हलवा तैयार किया जाता है और इसे वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच वितरित किया जाता है।
- वित्त मंत्री और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस आयोजन में हिस्सा लेते हैं।
हलवा सेरेमनी का महत्व:
- भारतीय परंपरा का प्रतीक:
- भारतीय संस्कृति में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में मीठा खाना और खिलाना एक परंपरा है। हलवा सेरेमनी इसी परंपरा को निभाती है।
- सफलता का जश्न:
- बजट तैयार करने में लगे कर्मचारियों और अधिकारियों की कड़ी मेहनत का सम्मान और उत्साहवर्धन करने के लिए यह आयोजन किया जाता है।
- बजट प्रक्रिया का आरंभ:
- सेरेमनी के बाद बजट की छपाई प्रक्रिया शुरू होती है।
बजट छपाई से जुड़े सुरक्षा उपाय:
- हलवा सेरेमनी के बाद, बजट छापने वाले 100 से अधिक कर्मचारी और अधिकारी अगले 10 दिन तक नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में ही रहते हैं।
- यह कदम बजट से जुड़ी किसी भी जानकारी के लीक होने से बचाव के लिए उठाया जाता है।
- ये अधिकारी और कर्मचारी वित्त मंत्री के बजट भाषण के बाद ही बाहर निकलते हैं।
हलवा सेरेमनी का इतिहास और कोविड के समय बदलाव:
- हलवा सेरेमनी लंबे समय से बजट प्रक्रिया का हिस्सा रही है।
- साल 2022 में कोरोना महामारी के चलते इसे रद्द कर दिया गया था।
- उस साल बजट को डिजिटल रूप में प्रस्तुत किया गया था।
- हलवा सेरेमनी की जगह मिठाइयां बांटी गई थीं।
- कोविड के बाद से फिर से यह परंपरा शुरू हो गई है।
हलवा सेरेमनी बजट प्रक्रिया की शुभ शुरुआत का प्रतीक है। यह न केवल भारतीय परंपराओं का पालन करती है, बल्कि बजट तैयार करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत का सम्मान भी करती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में 2025 का बजट भी इसी परंपरा के साथ पेश किया जाएगा।