केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आम बजट से पहले किसानों को बड़ी राहत दी है. मोदी कैबिनेट ने आज बुधवार को 2 अहम फैसलों पर अपनी मुहर लगाई. इस फैसले से किसानों को भी फायदा पहुंचेगा. साथ ही एग्री सेक्टर समेत कई अन्य सेक्टर्स को भी फायदा मिलेगा. साथ ही कैबिनेट ने 16300 करोड़ रुपये की नेशनल क्रिटिकल मिनरल्स मिशन को भी अपनी मंजूरी दे दी है. इससे मिनरल्स के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा.
कच्चे तेल पर कम होगी निर्भरता
इस फैसले से इथेनॉल ब्लैंडेड पेट्रोल प्रोग्राम के जरिए C-Heavy Molasses (CHM) के लिए एक्स मिल कीमत 56.58 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 57.97 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. इससे किसानों को फायदा मिलेगा. साथ ही देश की कच्चे तेल पर निर्भरता कम होगा और विदेशी मुद्रा बचाने में मदद मिलेगी.
BHM की कीमतों में बदलाव नहीं
केंद्र की मोदी सरकार ने इस साल 31 अक्टूबर को खत्म होने वाली 2024-25 अवधि के लिए सी हैवी मोलासेस से प्राप्त इथेनॉल की एक्स-मिल कीमत 1.69 रुपये बढ़ाकर 57.97 रुपये प्रति लीटर करने को मंजूरी दे दी है. B Heavy Molasses (BHM) और गन्ने के रस, चीनी और चीनी सिरप से उत्पादित इथेनॉल की कीमतें क्रमशः 60.73 रुपये प्रति लीटर और 65.61 रुपये प्रति लीटर कोई बदलाव नहीं किया गया.
आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की ओर से लिए गए फैसले की घोषणा करते हुए, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (Ethanol Supply Year 2024-25) के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के लिए इथेनॉल खरीद मूल्य में संशोधन को मंजूरी दे दी गई है. सरकार ने पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को भी साल 2025-26 से आगे बढ़ाकर 2030 इथेनॉल कर दिया है.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, “इस दिशा में एक कदम के रूप में, तेल विपणन कंपनियों ने चालू इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 के दौरान 18 प्रतिशत मिश्रण हासिल करने की योजना बनाई है.”
16 हजार करोड़ के मिशन को मंजूरी
इसके अलावा मोदी सरकार ने आज बुधवार को देश के भीतर और अपतटीय क्षेत्रों में महत्वपूर्ण खनिजों की खोज को बढ़ावा देने के लिए 16,300 करोड़ रुपये के नेशनल क्रिटिकल मिनरल्स मिशन (National Critical Minerals Mission, NCMM) को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यह मंजूरी दी.
कैबिनेट बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस मिशन का उद्देश्य अहम खनिजों के आयात पर निर्भरता को कम करना और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना है. एनसीएमएम में खनिजों की खोज, खनन, लाभकारीकरण, प्रसंस्करण और जीवन-काल खत्म होने वाले उत्पादों की रिकवरी से वसूली सहित मूल्य श्रृंखला के सभी चरण शामिल होंगे.
यह मिशन देश के भीतर और इसके अपतटीय क्षेत्रों में महत्वपूर्ण खनिजों की खोज की कोशिशों को तेज करेगा. इसका मकसद अहम खनिज खनन परियोजनाओं के लिए एक फास्ट-ट्रैक विनियामक अनुमोदन प्रक्रिया बनाना है. साथ ही मिशन महत्वपूर्ण खनिज अन्वेषण के लिए वित्तीय प्रोत्साहन भी प्रदान करेगा और इन संसाधनों को ओवरबर्डन और टेलिंग से वसूली को बढ़ावा देगा.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मिशन का उद्देश्य भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और निजी क्षेत्र की कंपनियों को विदेश में महत्वपूर्ण खनिज संपत्ति हासिल करने और संसाधन संपन्न देशों के साथ व्यापार बढ़ाने को लेकर प्रोत्साहित भी करना है. इसमें देश के भीतर महत्वपूर्ण खनिजों के भंडार के विकास का भी प्रस्ताव है.