पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में अपने सारे पैंतरे फेल होता देख अब इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय बनाने की जुगत में है। पाकिस्तान इसे पूरी दुनिया के मुस्लिमों की समस्या बताना चाहता है। इसके लिए वह कश्मीर समस्या को फिलिस्तीन विवाद के बराबर खड़ा करना चाहता है। वह इसके लिए उम्माह की एकता चाहता है।
इस काम के लिए उसने हमास कमांडर को पाक अधिकृत कश्मीर में तक़रीर देने को बुलाया है। हमास वही संगठन है जिसने इजरायल की महिलाओं को अगवा करके नग्न परेड करवाई थी। वहीं जम्मू कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है। वह हाल ही में हुई एक पूर्व सैनिक की हत्या पर अब एक्शन में है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुलगाम में आतंकी हमले में मारे गए पूर्व सैनिक मंजूर अहमद वागे के हत्यारों के अब सुरक्षा एजेंसियाँ पीछे पड़ गई हैं। इस हमले में उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई थीं जबकि उनकी भतीजी को भी भर्ती करवाया गया था।
इस हमले के बाद से जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना मिलकर बड़ा सर्च अभियान चला रही हैं। मामले में लगभग 27 लोगों को हिरासत में लिया गया है। दूसरी रिपोर्ट बताती है कि जाँच का दायरा 500 लोगों तक है।
इनमें से कई लोग ऐसे हैं जिनके परिवार का कोई व्यक्ति आतंकी संगठनों से जुड़ा हुआ है। कई ऐसे भी घेरे में लिए गए हैं जिनके कोई रिश्तेदार पाक अधिकृत रिश्तेदार (PoK) में रहते हैं। बड़ी संख्या में लोगों को समन भेजे गए हैं और उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
यह ऑपरेशन कुलगाम के साथ ही शोपियां और अनंतनाग में भी चलाया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियाँ ओवरग्राउंड वर्करों के लिंक भी तलाश हो रही है। सुरक्षा एजेंसियाँ जल्द ही इन आतंकियों को पकड़ सकती हैं।
कश्मीर में इस बीच सुरक्षा चिंताएँ और भी बढ़ गई हैं। पाकिस्तान अपना नेटवर्क वापस बढ़ाने और कश्मीर को वैश्विक मुद्दा बनाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए वह कश्मीर मुद्दे को फिलिस्तीन जैसा बताना चाह रहा है, वह चाहता है कि जिस तरह दुनिया भर के मुस्लिम फिलिस्तीन को लेकर भावनात्मक रुख रखते हैं, वैसा ही कश्मीर को प्रदर्शित किया जाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वह इसके लिए फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास की मदद ले रहा है। हमास के मिलिट्री कमांडर खालिद कद्दूमी की इस तक़रीर में पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा और दूसरे इस्लामी आतंकी संगठनों के लोग शामिल होंगे।
इस कायर्क्रम को ‘अल अक्सा फ्लड’ नाम से किया जा रहा है। यह नाम जानबूझ कर चुना गया है। यह नाम हमास ने 7 अक्टूबर, 2023 के इजरायल पर किए गए हमले को दिया था।