अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार द्वारा 104 भारतीयों को वापस भेजने के बाद सदन में विपक्ष हंगामा कर रहा है। इसको लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार (6 फरवरी 2025) को बयान दिया और कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। उन्होंने साल 2009 से लेकर 2025 तक आँकड़े दिए और बताया कि कब-कब अमेरिका ने भारतीयों को वापस भेजा है।
राज्य सभा में जयशंकर ने कहा, “हम अमेरिकी सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए संपर्क कर रहे हैं कि निर्वासितों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो। साथ ही, सदन इस बात की सराहना करेगा कि हमारा ध्यान अवैध आव्रजन उद्योग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर होना चाहिए। निर्वासितों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर कानून प्रवर्तन एजेंसियाँ एजेंटों और ऐसी एजेंसियों के खिलाफ आवश्यक, निवारक और अनुकरणीय कार्रवाई करेंगी।”
Speaking in Rajya Sabha on Indian citizens deported from the US, EAM Dr S Jaishankar says, "We are engaging the US govt to ensure that the deportees not be mistreated in any manner. At the same time, the House will appreciate that our focus should be on the strong crackdown… pic.twitter.com/IEIm8NWVS3
— ANI (@ANI) February 6, 2025
जयशंकर ने कहा कि सभी देशों की ज़िम्मेदारी है कि अगर उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहे हैं तो उन्हें वापस लिया जाए। अपने अवैध नागरिकों को वापस लेना हर देश की जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी कहा कि अवैध रूप से रहने वाले लोगों को निर्वासित करने की प्रक्रिया नई नहीं है। अमेरिका से भारतीयों को डिपोर्ट करने की प्रक्रिया कई सालों से चल रही है।
उन्होंने बताया कि अमेरिका से साल 2009 में 734, साल 2010 में 799, साल 2011 में 597, साल 2012 में 530, साल 2013 में 550, साल 2014 में 591, साल 2015 में 708, साल 2016 में 1303, साल 2017 में 1024, साल 2018 में 1180, साल 2019 में 2042, साल 2020 में 1889, साल 2021 में 805, साल 2022 में 862, साल 2023 में 670, साल 2024 में 1368 और साल 2025 में 104 लोग भारत भेजे गए।
Speaking in Rajya Sabha.
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— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 6, 2025
जयशंकर ने कहा कि अमेरिका की ओर निर्वासन की प्रक्रिया और क्रियान्वयन आव्रजन तथा सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) द्वारा किया जाता है। ICE द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले विमानों में निर्वासन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) है, जिसमें प्रतिबंधों के उपयोग (हथकड़ी और बेड़ी पहनाने) का प्रावधान है। हालाँकि, महिलाओं और बच्चों को इस तरह से नहीं बाँधा जाता है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने यह भी कहा कि सभी देशों के लिए यह जरूरी है कि वे अवैध प्रवास को हतोत्साहित करें और कानूनी तरीकों से लोगों की आवाजाही को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि यह सभी देशों की ज़िम्मेदारी है कि अगर उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहे हैं तो वह उन्हें वापस ले।