यह बेहद गंभीर और चिंताजनक मामला है कि हमास, जो कि एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन है, ने पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे भारत विरोधी आतंकी संगठनों के साथ खुलेआम गठबंधन की घोषणा की है।
मुख्य बिंदु:
- हमास-JeM-LeT गठबंधन:
- रावलकोट, पाकिस्तान में ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ पर JeM के आतंकी ने यह ऐलान किया।
- इसमें हमास का प्रतिनिधि खालिद अल-कदौमी भी मौजूद था, जो ईरान में हमास का संपर्क प्रमुख है।
- मंच से दिल्ली में हिंसा फैलाने और कश्मीर को भारत से अलग करने की धमकी दी गई।
- पाकिस्तान का समर्थन:
- पाकिस्तान पहले से ही JeM और LeT जैसे आतंकी संगठनों को समर्थन देता आया है।
- 5 फरवरी को ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ मना कर वह भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने का प्रयास करता है।
- यह आयोजन पाकिस्तान में भारत विरोधी आतंकवादी गठबंधन को मजबूत करने का स्पष्ट संकेत देता है।
- भारत पर खतरा:
- JeM और LeT पहले ही भारत में पुलवामा हमला (2019), 26/11 मुंबई हमला (2008) और संसद हमला (2001) जैसे बड़े आतंकी हमले कर चुके हैं।
- हमास की एंट्री से आतंकी गतिविधियों को अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिल सकता है, जिससे खतरा बढ़ सकता है।
- पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों का हमास के साथ मिलकर काम करना भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक नई चुनौती है।
भारत की प्रतिक्रिया क्या होनी चाहिए?
- भारत को इस गठजोड़ को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उजागर कर पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बनाना चाहिए।
- सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहकर इस गठबंधन के किसी भी आतंकी साजिश को नाकाम करना होगा।
- इजरायल और अन्य मित्र देशों के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को और मजबूत करना जरूरी होगा।
यह गठबंधन साफ दर्शाता है कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन अब वैश्विक आतंकवाद नेटवर्क से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे भारत को अधिक सतर्क रहना होगा।