मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा टिहरी झील में 38वें राष्ट्रीय खेलों के अंतर्गत आयोजित कयाकिंग-कैनोइंग प्रतियोगिता का शुभारंभ करना उत्तराखंड में खेलों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस आयोजन से राज्य को राष्ट्रीय खेल आयोजन की नई पहचान मिली है, साथ ही टिहरी झील को वाटर स्पोर्ट्स हब के रूप में विकसित करने की दिशा में यह एक बड़ा प्रयास है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी झील कोटी कॉलोनी में 38वें राष्ट्रीय खेलों के अन्तर्गत आयोजित कयाकिंग-कैनोइंग प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने 1000 मीटर हीट कयाकिंग मेन्स प्रतियोगिता में स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक विजेताओं को मेडल पहनाकर एवं सोविनियर से सम्मानित किया। इस दौरान श्रीमती गीता धामी भी मौजूद रही।
टिहरी में 38वें राष्ट्रीय खेल के अंतर्गत आयोजित कयाकिंग-कैनोइंग प्रतियोगिता का शुभारंभ कर विजेताओं को पदक प्रदान कर सम्मानित किया। इस दौरान शीतकालीन पर्यटन की थीम पर निर्मित किए गए डेस्टिनेशन टिहरी कैलेंडर-2025 को भी लॉन्च किया।
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— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 11, 2025
उक्त प्रतियोगिता में उत्तराखंड के प्रभात कुमार ने स्वर्ण पदक, एसएससीबी ने रजत तथा दिल्ली ने कांस्य पदक जीता। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि, वीरभूमि के बाद अब खेलभूमि के रूप में स्थापित हो रहा है। राज्य में 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करना पहला और सुखद अनुभव है।
28 जनवरी से 38वें राष्ट्रीय खेलों का भव्य आयोजन हो रहा है। सारी खेल प्रतियोगिताएं उत्तराखण्ड के 11 अलग-अलग स्थानों पर आयोजित की गई, खिलाड़ियों के लिए सारे खेल ट्रैक बनाये गये तथा कोई भी खेल उपकरण बाहर से नहीं लाये गये। जहां 37वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखण्ड 25वें स्थान पर रहा था वहीं अब हमारा राज्य 38वें राष्ट्रीय खेलों में 7 स्थान पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी झील ऊर्जा उत्पादन के साथ ही पर्यटन और साहसिक खेलों के लिए अन्यन्त अनुकूल है।
यह वाटर स्पोर्ट्स का बहुत बड़ा हब बनेगा। यहां पर पहले भी राष्ट्रीय/अर्न्तराष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की गई हैं और आगे भी खेलों का क्रम सालभर चलता रहे यह प्रयास किये जायेंगे। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे तथा स्थानीय आर्थिकी को बल मिलेगा।
चकरपुर, खटीमा में राष्ट्रीय खेलों के अंतर्गत मलखंब प्रतियोगिता का अवलोकन कर खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया। यह उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है कि पहली बार देवभूमि से मलखंब और योग को राष्ट्रीय खेलों में शामिल करने की शुरुआत की गई है। pic.twitter.com/tekin8CVHy
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मुख्य बिंदु:
✔ उत्तराखंड की खेल उपलब्धि:
- 38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड ने 7वां स्थान प्राप्त किया, जो राज्य की खेल प्रतिभाओं के उभरने का संकेत है।
- मुख्यमंत्री ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
✔ टिहरी झील का महत्व:
- ऊर्जा उत्पादन के साथ-साथ पर्यटन और साहसिक खेलों के लिए टिहरी झील को एक बड़ा केंद्र बनाने की योजना।
- जल क्रीड़ाओं के बढ़ते आयोजन से स्थानीय स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा और स्वरोजगार के नए अवसर।
✔ शीतकालीन पर्यटन को प्रोत्साहन:
- डेस्टिनेशन टिहरी कैलेंडर 2025 लॉन्च किया गया, जो टिहरी को प्रमुख शीतकालीन पर्यटन स्थल के रूप में प्रदर्शित करेगा।
- इससे टिहरी की प्राकृतिक सुंदरता, आध्यात्मिक स्थलों और रोमांचक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
✔ प्रतियोगिता में भागीदारी:
- 16 राज्यों के 160 खिलाड़ी (80 पुरुष और 80 महिला) प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं।
- उत्तराखंड के प्रभात कुमार ने 1000 मीटर हीट कयाकिंग मेन्स प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता।
✔ स्थानीय विकास और रोजगार:
- खेल आयोजनों से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
- मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री बनाने के संकल्प को दोहराया।
यह आयोजन न केवल उत्तराखंड को खेलों की नई पहचान दिला रहा है, बल्कि राज्य के पर्यटन और अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेगा।