रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आईआईटी मंडी के 16वें स्थापना दिवस पर भारत की तकनीकी और रक्षा क्षेत्र में बढ़ती ताकत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत का स्टार्ट-अप इकोसिस्टम दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा बनकर उभर रहा है, और अगले पांच वर्षों में 300-350 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
भारत की टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में तेजी
✅ भारत में तेजी से बदलती तकनीक के साथ तालमेल बिठाना और नई तकनीकों का निर्माण सबसे बड़ी चुनौती है।
✅ भारत की डिजिटल क्रांति और स्टार्ट-अप संस्कृति नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही है।
✅ UPI जैसी सफल पहलों ने भारत को डिजिटल लेनदेन का वैश्विक मानक स्थापित करने में मदद की है।
✅ भारत का दूरसंचार क्षेत्र अब दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा बन चुका है।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और 50,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य
🟢 रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने गोला-बारूद उत्पादन में 88% आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है।
🟢 2023-24 में रक्षा निर्यात 23,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
🟢 सरकार का लक्ष्य 2029 तक रक्षा निर्यात को 50,000 करोड़ रुपये तक ले जाना है।
🟢 आईआईटी मंडी और डीआरडीओ के सहयोग की सराहना करते हुए, उन्होंने स्वदेशी एआई चिप, साइबर सुरक्षा और क्वांटम प्रौद्योगिकी में अधिक योगदान की आवश्यकता पर जोर दिया।
राष्ट्रीय सुरक्षा और आत्मनिर्भर भारत के लिए आईआईटी की भूमिका
🟠 राजनाथ सिंह ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने में योगदान दें।
🟠 उन्होंने “ज्ञान की खोज में साहसी बनने” और “नई चुनौतियों का सामना करने” की अपील की।
🟠 रक्षा मंत्री ने डिजिटल अर्थव्यवस्था और टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता को भारत के विकास के लिए जरूरी बताया।
भारत के लिए क्या मायने रखता है यह बयान?
📌 भारत टेक्नोलॉजी और रक्षा क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
📌 स्टार्टअप इकोसिस्टम और डिजिटल क्रांति भारत को नई ऊंचाइयों तक ले जा रही है।
📌 रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और निर्यात में बढ़ोतरी भारत को वैश्विक शक्ति बना सकती है।
📌 आईआईटी जैसे संस्थान देश की तकनीकी और रक्षा ताकत को और मजबूत कर सकते हैं।