26/11 हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा ने भारत प्रत्यर्पण पर रोक की याचिका दायर की
मुंबई 26/11 आतंकी हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा को भारत प्रत्यर्पित किए जाने का डर सता रहा है। उसने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर अपने प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग की है। राणा का कहना है कि अगर उसे भारत भेजा गया, तो उसकी जान को खतरा हो सकता है।
राणा की याचिका के प्रमुख बिंदु:
- उसने भारत में प्रताड़ना और मौत का डर जताया।
- उसने दावा किया कि पाकिस्तानी मूल और मुस्लिम होने के कारण उसे भारत में अत्याचार का सामना करना पड़ेगा।
- राणा ने कहा कि वह पाकिस्तानी सेना का सदस्य रह चुका है, जिससे भारत में उसे अधिक खतरा है।
- उसने तर्क दिया कि अगर प्रत्यर्पण हुआ तो अमेरिका अपना कानूनी अधिकार क्षेत्र खो देगा और भारत में उसके मामले की पुनर्विचार अपील संभव नहीं होगी।
कौन है तहव्वुर हुसैन राणा?
- पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है।
- पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के रूप में 10 साल सेवा दी।
- शिकागो में बसने के बाद आतंकी संगठनों के संपर्क में आया।
- 2006-2008 के बीच डेविड हेडली और पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से जुड़ा रहा।
- लश्कर-ए-तैय्यबा और हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी के साथ मिलकर 26/11 हमले की साजिश रची।
- मुंबई हमले में ताज होटल, CST स्टेशन समेत कई स्थानों पर आतंकी हमला हुआ, जिसमें 179 लोग मारे गए थे।
- डेविड हेडली अब सरकारी गवाह बन चुका है और उसने राणा की भूमिका की पुष्टि की है।
भारत का रुख और प्रत्यर्पण प्रक्रिया:
- भारत ने अमेरिका से औपचारिक प्रत्यर्पण की मांग की थी, जिसे अमेरिकी अदालत ने मंजूरी दे दी है।
- अमेरिका में राणा की अंतिम अपील विचाराधीन है, लेकिन उसके प्रत्यर्पण की संभावना प्रबल है।
- भारतीय एजेंसियां उसे भारत लाकर पूछताछ और कानूनी कार्रवाई करना चाहती हैं।
तहव्वुर हुसैन राणा ने भारत में अपनी जान को खतरा बताकर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अंतिम प्रयास किया है, लेकिन भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध के मजबूत कानूनी आधार को देखते हुए उसे जल्द ही भारत लाया जा सकता है। भारत आने के बाद 26/11 हमले की गहरी साजिशों का पर्दाफाश होने की संभावना है, जिससे अन्य आतंकियों और उनके संरक्षकों तक भी जांच पहुँच सकती है।