आशाबेन ठाकोर और पिंकल चौहान गत 15 वर्षों से गुजरात सरकार द्वारा आयोजित स्पेशल खेल महाकुंभ में कर रहे हैं उत्कृष्ट प्रदर्शन.
गुजरात में खेल संस्कृति के निर्माण में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल ‘खेल महाकुंभ’ का बहुमूल्य योगदान.
इटली के ट्यूरिन में आयोजित स्पेशल ओलंपिक वर्ल्ड विंटर गेम्स (विशेष ओलंपिक विश्व शीतकालीन खेल) में गुजरात की दो मनोदिव्यांग खिलाड़ियों ने डंका बजाया है। मेहसाणा की आशाबेन ठाकोर और दाहोद की पिंकलबेन चौहान ने ट्यूरिन में फ्लोरबॉल खेल में अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को कांस्य पदक दिलाने में अहम योगदान दिया। भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका वाली गुजरात की इन बेटियों ने अपने अद्भुत खेल कौशल से गुजरात और भारत का नाम रोशन किया है।
फ्लोरबॉल हॉकी जैसा एक इनडोर खेल है, जिसे हल्की प्लास्टिक बॉल और विशिष्ट कार्बन फाइबर स्टिक के साथ खेला जाता है। उल्लेखनीय है कि इटली के ट्यूरिन में 8 से 15 मार्च के दौरान स्पेशल ओलंपिक वर्ल्ड विंटर गेम्स का आयोजन किया गया था, जिसमें भारत के 30 एथलीटों ने अलग-अलग खेलों में हिस्सा लिया था, जिनमें से गुजरात की आशाबेन ठाकोर और पिंकलबेन चौहान ने फ्लोरबॉल में शानदार प्रदर्शन किया।
एसएजी द्वारा 2010 से मनोदिव्यांग खिलाड़ियों के लिए स्पेशल खेल महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है
अंतरराष्ट्रीय संगठन स्पेशल ओलंपिक के संदर्भ में, ‘स्पेशल ओलंपिक भारत-गुजरात’ स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ गुजरात (एसएजी) द्वारा मान्यता प्राप्त एक नोडल संस्था है। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ गुजरात की ओर से वर्ष 2010 से दिव्यांग श्रेणी के लिए स्पेशल खेल महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए क्वालीफाई करते हैं और विभिन्न देशों में हर दो साल में आयोजित होने वाले वर्ल्ड गेम्स के लिए उनका चयन किया जाता है। खेल महाकुंभ ने आशाबेन और पिंकलबेन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चैंपियन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये दोनों खिलाड़ी 2010 से गुजरात सरकार की ओर से आयोजित किए जाने वाले स्पेशल खेल महाकुंभ में न केवल हिस्सा ले रहे हैं, बल्कि विजेता बनकर उभरे हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की थी खेल महाकुंभ की शुरुआत
गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने युवाओं में खेलों के प्रति अधिक जागरूकता पैदा करने, शारीरिक तंदुरुस्ती को बनाए रखने और गुजरात में खेल संस्कृति का निर्माण करने के उद्देश्य से वर्ष 2010 में खेल महाकुंभ की शुरुआत की थी। तब से प्रतिवर्ष खेल महाकुंभ में ग्राम स्तर से लेकर राज्य स्तर तक की विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। गुजरात में खेल महाकुंभ केवल खेल प्रतिभाओं की खोज तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे गुजरात में खेलों के विकास का एक आधारस्तंभ बन गया है। गुजरात में वर्ष 2010 में आयोजित खेल महाकुंभ में हिस्सा लेने के लिए 16.50 लाख खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जो वर्ष 2024-25 में आयोजित खेल महाकुंभ 3.0 में बढ़कर रिकॉर्ड ब्रेक 71,30,834 तक पहुंच गया है।
राज्य में स्पोर्ट्स इकोसिस्टम विकसित करने के लिए लॉन्च हुई स्पोर्ट्स पॉलिसी 2022-27
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात ने स्पोर्ट्स पॉलिसी 2022-27 लॉन्च की है, जिसका उद्देश्य राज्य में एक स्पोर्ट्स इकोसिस्टम विकसित करना है। नई पॉलिसी के माध्यम से गुजरात आने वाले समय में खेल क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य बनेगा। इतना ही नहीं, इस पॉलिसी के चलते राज्य के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अपने सपने साकार करने के और अधिक अवसर भी मिलेंगे। पिछले दो दशकों में, खेल क्षेत्र में गुजरात के युवाओं ने एक लंबी छलांग लगाई है और उनकी क्षमता में वृद्धि हुई है। इसका श्रेय गुजरात सरकार के अथक प्रयासों को जाता है।
गुजरात का खेल बजट 141 गुना बढ़कर 352 करोड़ रुपए से अधिक हो गया
गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में खेल महाकुंभ, शक्ति दूत योजना, जिला स्तरीय खेल स्कूल (डीएलएसएस) जैसी अनेक नई पहलें, कार्यक्रम और नीतियां शुरू की गईं, जिनके तहत एथलीटों को उचित प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और मान्यता प्रदान की जाती है। वर्ष 2002 से पहले गुजरात का खेल बजट केवल 2.5 करोड़ रुपए था, जो आज बढ़कर 352 करोड़ रुपए से अधिक हो गया है।