उत्तराखंड में हरिद्वार जिले के इब्राहिमपुर गांव में रविवार (6 अप्रैल) को देर रात एक केमिकल फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। फिलहाल पुलिस और दमकल विभाग के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। आग बुझाने का काम जारी है। बताया जा रहा है कि जब आग लगी, उस समय कई मजदूर फैक्ट्री में काम कर रहे थे और ये लोग अभी भी फंसे हुए हैं। हरिद्वार एसपी पंकज गैरोला ने बताया, “केमिकल फैक्ट्री में आग लग गई और एक व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आग बुझाने के प्रयास जारी हैं।”
देश में अप्रैल के महीने में ही तापमान बढ़ने के कारण आगजनी के मामले बढ़ रहे हैं। उत्तराखंड के अलावा महाराष्ट्र और गुजरात में भी आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं। मध्य प्रदेश में ट्रेन में भी आग लगने की घटना हुई थी।
संभावित कारण:
हालांकि अभी तक आग लगने के सही कारण का पता नहीं चला है, लेकिन शुरुआती संकेतों के अनुसार:
-
रसायनों की अनुचित स्टोरेज
-
ओवरहीटिंग और शॉर्ट सर्किट
-
फायर सेफ्टी नियमों की अनदेखी
इनमें से कोई एक या एक से अधिक कारण आग की वजह बन सकते हैं।
देशभर में बढ़ती आगजनी की घटनाएं (अप्रैल 2025):
राज्य | घटना | तारीख |
---|---|---|
उत्तराखंड | केमिकल फैक्ट्री में आग (हरिद्वार) | 6 अप्रैल |
महाराष्ट्र | नासिक में गोदाम में आग | 4 अप्रैल |
गुजरात | अहमदाबाद में अस्पताल में आग | 5 अप्रैल |
मध्य प्रदेश | ट्रेन की बोगी में आग (भोपाल के पास) | 3 अप्रैल |
आग की बढ़ती घटनाओं के पीछे के कारण:
-
गर्मियों का आगाज़:
अप्रैल में तापमान में तेज़ बढ़ोतरी – मशीनें, केमिकल, वायरिंग अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। -
फायर सेफ्टी का अभाव:
छोटे-कारखानों और फैक्ट्रियों में अग्निशमन व्यवस्था बहुत खराब होती है। -
मानव लापरवाही:
जैसे- खुले में धूम्रपान, उपकरणों का ओवरलोड, बिना वेंटिलेशन के काम -
सरकारी निरीक्षण की कमी:
ज़्यादातर फैक्ट्रियाँ फायर ऑडिट नहीं करवातीं।
क्या किया जाना चाहिए?
कदम | विवरण |
---|---|
फैक्ट्री का अग्निशमन ऑडिट | हर फैक्ट्री का समय-समय पर फायर सेफ्टी ऑडिट होना चाहिए |
रासायनिक स्टोरेज गाइडलाइन लागू हो | केमिकल स्टोर करने की अंतरराष्ट्रीय मानकों की व्यवस्था |
मजदूरों को फायर ट्रेनिंग | फैक्ट्री में कार्यरत कर्मचारियों को बेसिक फायर ट्रेनिंग |
अनुमति बिना ऑपरेशन पर रोक | फायर एनओसी के बिना चलने वाली फैक्ट्रियों को सील किया जाए |
हेल्पलाइन और इमरजेंसी रिस्पॉन्स तेज़ हो | दमकल विभाग का रिस्पॉन्स टाइम घटाना |