दक्षिण कश्मीर के पहलगाम के प्रमुख टूरिस्ट स्थल पर हुए आतंकी हमले से पूरा देश में रोष है. इस हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हैं. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर में मौजूद हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ हाई लेवल बैठक की है. वह आज पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचे, जहां उन्होंने मृतकों को श्रद्धांजलि दी है. पुलिस कंट्रोल रूम मेंआतंकी हमले में मारे गए पर्यटकों के शव रखे गए हैं.
#WATCH | Union Home Minister Amit Shah pays tributes to the victims of the Pahalgam terror attack, in Srinagar, J&K pic.twitter.com/tPRSj4ewUg
— ANI (@ANI) April 23, 2025
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहलगाम में घटनास्थल का भी दौरा करेंगे और अस्पताल जाकर घायलों का हाल-चाल जानेंगे. इसके बाद दिल्ली वापस लौट आएंगे. बीते दिन हमले के बाद शाह ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले से दुखी हूं. मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिजनों के साथ हैं. इस जघन्य आतंकी हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और हम अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे. उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देंगे. मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घटना के बारे में जानकारी दी और संबंधित अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की.’
भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज़ से अत्यंत गंभीर और संवेदनशील है। पहलगाम आतंकी हमला, जिसमें विदेशी नागरिकों सहित स्थानीय लोगों की मौत हुई, ने सुरक्षा एजेंसियों और सरकार को उच्चतम स्तर पर सक्रिय कर दिया है।
यहां इस पूरी स्थिति की मुख्य बातें संक्षेप में:
पहलगाम आतंकी हमला: स्थिति का सारांश
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स्थान: पहलगाम, जम्मू-कश्मीर
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प्रभावित: दो विदेशी नागरिक (यूएई और नेपाल से), दो स्थानीय नागरिक
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प्रारंभिक निष्कर्ष: घात लगाकर किया गया हमला, आतंकियों ने पूर्वनियोजित रणनीति के तहत निशाना बनाया।
गृह मंत्री अमित शाह की आपात बैठक
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स्थान: दिल्ली में गृह मंत्री निवास
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उपस्थित:
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गृह सचिव
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इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) प्रमुख
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सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के शीर्ष अधिकारी
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जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल
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सेना के अधिकारी (वीसी के माध्यम से)
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यह बैठक स्थिति की समीक्षा और तत्काल कार्रवाई की रूपरेखा तय करने के लिए थी। इससे स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार घटना को अत्यंत गंभीरता से ले रही है।
NIA की जांच और कार्रवाई
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम घटनास्थल पर पहुंचेगी।
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उद्देश्य:
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हमले की प्रकृति का आकलन
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फोरेंसिक सबूत इकट्ठा करना
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स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियों से समन्वय
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संभावना है कि इस हमले को लेकर टेरर फंडिंग या सीमा