कश्मीर घाटी में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले में जान तो दूसरे प्रदेश के लोगों ने गंवाई, लेकिन इसका आर्थिक रूप से सबसे बड़ा खामियाजा स्थानीय लोगों को ही भुगतना होगा. आतंकी हमले से पर्यटकों में दहशत इस कदर भर गई है कि उन्होंने अगले 4-5 महीने की बुकिंग कैंसिल करानी शुरू कर दी है. जाहिर है कि इसका सीधा असर स्थानीय कश्मीरी लोगों और वहां की अर्थव्यवस्था को होगा. नुकसान का यह आंकड़ा हमारी सोच से भी कहीं ज्यादा हो सकता है.
मोदी सरकार के धारा 370 हटाने और कश्मीर घाटी में शांति बहाल करने के साथ यहां आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के बाद पर्यटकों की आवाजाही भी खूब बढ़ी है. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला ने खुद बताया था कि साल 2024 में कश्मीर घाटी में 2.35 करोड़ टूरिस्ट आए, जो 2023 में 2.11 करोड़ थे. साल 2022 में 1.89 करोड़ पर्यटक कश्मीर घूमने आए थे. 2021 में 1.13 करोड़ तो 2020 में 34 लाख पर्यटकों ने कश्मीर घाटी के नजारे देखे थे. आंकड़ों से साफ है कि वहां पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसका फायदा प्रदेश की इकनॉमी से लेकर निचले तबके के आम आदमी तक को मिल रहा है.
डरकर पीछे हट रहे पर्यटक
कश्मीर में रिकॉर्ड तोड़ती पयर्टकों की संख्या इस आतंकी हमले के बाद दम तोड़ सकती है, क्योंकि बड़ी संख्या में टूरिस्ट अपनी बुकिंग कैंसिल कराना शुरू कर दिए हैं. चलो घूमने टूर एंड ट्रैवल की ऑपरेशन हेड कीर्ति अग्रवाल का कहना है कि पहलगाम हमले के बाद मेरे पास अगले 4-5 महीने की सारी बुकिंग कैंसिल कराने के फोन आ रहे हैं. हमले से स्थानीय कारोबारियों और टूरिज्म को बहुत नुकसान होगा. एक अन्य ट्रैवल एजेंसी Le Travelworld के एमडी संजय डांग का कहना है कि हमारे एक क्लाइंट ने परिवार के साथ घूमने के लिए 14 कमरों की बुकिंग कराई थी, लेकिन हमले के बाद कैंसिल हो गई. उन्होंने बताया कि होटल और फ्लाइट की बुकिंग भी तेजी से कैंसिल हो रही है.
मानव जीवन की क्षति तक सीमित नहीं रहा—इसने कश्मीर की आर्थिक रीढ़, खासकर पर्यटन और होटल उद्योग, को भी गंभीर झटका दिया है।
होटल इंडस्ट्री पर फिर मंडराया संकट
🔻 पहले कोरोना, अब आतंकवाद
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कोविड-19 के कारण 2020–2021 में पर्यटन पूरी तरह ठप रहा था।
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अभी होटल और टूरिज्म सेक्टर ने धीरे-धीरे उबरना शुरू किया था, तभी यह आतंकी हमला हुआ।
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हमले के बाद बड़ी संख्या में बुकिंग कैंसिल हो रही हैं—खासकर मई-जून के लिए, जब पर्यटक सबसे ज़्यादा आते हैं
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संभावित आर्थिक असर
पहलू | विवरण |
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🔴 होटल बुकिंग | 40–60% तक बुकिंग्स की रद्दीकरण की सूचना |
🔴 स्थानीय रोजगार | होटल स्टाफ, टैक्सी ड्राइवर, टूर गाइड जैसे लाखों लोगों की रोज़ी पर असर |
🔴 विदेशी पर्यटक | पिछले साल 67,000 विदेशी पर्यटक आए थे, इस साल भारी गिरावट की आशंका |
🔴 ट्रैवल कंपनियाँ | TAAI और IATO जैसी संस्थाएं चिंता में |
क्या कह रहे हैं इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स?
ज्योति मयाल (पूर्व अध्यक्ष, ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया):
“हम जो भी प्रयास कर रहे थे, कश्मीर को एक सुरक्षित टूरिज्म डेस्टिनेशन दिखाने के लिए, इस हमले ने उन्हें पीछे धकेल दिया है।”
डी.एस. डांग (वरिष्ठ ट्रैवल ऑपरेटर):
“कश्मीर अभी पीक टूरिज्म सीज़न में है। लेकिन अब पर्यटक डर रहे हैं। मई-जून की बुकिंग्स तक कैंसिल हो रही हैं।”
फॉरेन टूरिस्ट फ्लो पर असर
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UAE और नेपाल के नागरिकों की हत्या से दक्षिण एशियाई और खाड़ी देशों के नागरिकों में डर का माहौल।
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संभावित प्रभाव:
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UAE, कुवैत, बहरीन, मलेशिया जैसे देशों से आने वाले पर्यटकों की संख्या घट सकती है।
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इंश्योरेंस रेट्स बढ़ेंगे, और कई देशों की सरकारें ट्रैवल अडवाइजरी अपडेट कर सकती हैं।
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क्या होना चाहिए सरकार का रुख?
ज़रूरी कदम | संभावित कार्रवाई |
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🛡️ पर्यटन स्थलों की सुरक्षा | हर प्रमुख स्थल पर QRT, CCTV और इंटेल इंटीग्रेशन |
📢 ग्लोबल PR | विदेश मंत्रालय द्वारा “कश्मीर सेफ है” अभियान चलाना |
💵 उद्योग को राहत | टूरिज्म इंडस्ट्री के लिए इमरजेंसी पैकेज, टैक्स छूट |
🧠 मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग | हमले से प्रभावित गाइड्स, होटल स्टाफ और टूर ऑपरेटर्स के लिए |
आप क्या जानना चाहेंगे?
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कश्मीर टूरिज्म का जीडीपी में योगदान?
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सरकार की पूर्व योजनाएं पर्यटन बढ़ाने को लेकर?
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होटल उद्योग पर संभावित आर्थिक नुकसान का आकलन?
जम्मू-कश्मीर का पर्यटन उद्योग सिर्फ सौंदर्य और सांस्कृतिक महत्त्व तक सीमित नहीं है—यह प्रदेश की अर्थव्यवस्था की धुरी है। इस आतंकी हमले का प्रभाव न केवल सुरक्षा के लिहाज़ से गंभीर है, बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी भारी पड़ सकता है।
अर्थव्यवस्था पर सीधा असर: आँकड़ों के साथ विश्लेषण
बिंदु | विवरण |
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💼 पर्यटन की हिस्सेदारी | जम्मू-कश्मीर की कुल जीडीपी में 8% हिस्सा सिर्फ पर्यटन का |
📈 2024-25 की जीडीपी ग्रोथ | 7% से अधिक, जिसमें पर्यटन सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला क्षेत्र |
💰 2024 में टूरिज्म का मूल्य | ₹12,000 करोड़ |
🎯 2030 का अनुमान | ₹25,000–30,000 करोड़ तक |
🏔️ गुलमर्ग से अकेले राजस्व | ₹103 करोड़ (2024 में) |
हमले के संभावित आर्थिक प्रभाव का आकलन (संभावित नुकसान)
असर | अनुमानित नुकसान |
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❌ बुकिंग रद्दीकरण | मई-जून में अनुमानित ₹1,000–₹1,500 करोड़ की बुकिंग पर असर |
❌ विदेशी पर्यटक | संभावित 30–40% गिरावट, जिससे ₹500–₹800 करोड़ की चपत |
❌ लोकल रोजगार | 2–3 लाख लोगों की सीजनल रोज़ी-रोटी पर खतरा |
❌ टैक्स रेवेन्यू | होटल, ट्रैवल, एंटरटेनमेंट टैक्स में 10–15% गिरावट संभव |
कश्मीर का पर्यटन उद्योग: एक नजर में
क्षेत्र | योगदान |
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गुलमर्ग, पहलगाम, सोनमर्ग | उच्च राजस्व और विदेशी पर्यटकों की पसंद |
धार्मिक पर्यटन | अमरनाथ यात्रा से हर साल ₹500 करोड़ से अधिक |
फिल्म शूटिंग | 2023 में 300 से अधिक फिल्म यूनिट आईं थीं |
रोजगार | सीधे–अप्रत्यक्ष रूप से 5 लाख से अधिक लोगों को रोजगार |
लंबी अवधि की चिंता:
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इनवेस्टमेंट हिचक: होटल चेन, ट्रैवल कंपनियाँ निवेश रोक सकती हैं।
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इंटरनेशनल ट्रैवल एडवाइजरी: कई देशों से ‘Avoid Kashmir’ नोटिस जारी हो सकते हैं।
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राजस्व घाटा: राज्य सरकार की टैक्स और पर्यटन आधारित आमदनी पर दीर्घकालिक असर।
क्या कर सकती है सरकार?
समाधान | विवरण |
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🚨 सुरक्षा व्यवस्था सख्त | पर्यटक स्थलों पर सेना और QRT की तैनाती |
💰 राहत पैकेज | होटल व ट्रैवल उद्योग को सब्सिडी और टैक्स में छूट |
🌐 इंटरनेशनल PR | दुनिया को दिखाना कि “कश्मीर सुरक्षित है” |
📈 MSME सहायता | स्थानीय गाइड्स, शिल्पकारों और ड्राइवरों के लिए पुनर्वित्त योजना |